नई दिल्ली: सरकार ने इलेक्ट्रानिक वालेट लेनदेन के लिये बीमा मसौदा तैयार करने को लेकर मोबाइल बटुआ कंपनियों और बीमा कंपनियों के साथ बातचीत शुरू की है. साथ ही इलेक्ट्रानिक साक्ष्य के लिये पंजीकृत जांचकर्ताओं के रूप में अपराध विज्ञान शोधशालाओं को अधिसूचित किया जा सकता है. फिलहाल आईटी मंत्रालय साइबर अपराध संबंधित साक्ष्यों के लिये एकमात्र पंजीकृत जांचकर्ता है. माना जा रहा है कि इस बार 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में भी इसके बारे में सरकार कुछ ऐलान कर सकती है.
नोटबंदी के बाद से ही देश में मोबाइल वॉलेट को लेकर काफी प्रगति देखी जा रही है और लोग मोबाइल, ऑनलाइन वॉलेट से भारा मात्रा में लेनदेन कर रहे हैं तो इसकी सुरक्षा को लेकर सरकार की भी चिंताए लाजिमी हैं. काफी जानकार मोबाइल वॉलेट में मौजूद पैसे की सुरक्षा के ऊपर प्रश्नचिन्ह लगा चुके हैं.
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘आईटी टेक्नोलॉजी मंत्रालय ने बीमा कंपनियों और मोबाइल बटुआ कंपनियों के साथ 2-3 बैठकें की है. इसके पीछे मुख्य विचार है कि इलेक्ट्रानिक बटुए में मौजूद धन का बीमा हो.’’ सूत्र ने कहा कि इस बारे में चर्चा अंतिम चरण में पहुंच गयी और जल्दी ही किसी भी निर्णय पर पहुंचा जा सकता है. एक बार इसके अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचने के साथ मोबाइल वालेट सौदों के लिये बीमा मसौदे को अधिसूचित किया जाएगा. इसके अलावा आईटी मंत्रालय साइबर अपराध संबंधी साक्ष्यों के लिये फोरेंसिक लैब को जांचकर्ता के रूप में नोटिफिकेशन भेजेगा.
फिलहाल आईटी मंत्रालय इलेक्ट्रानिक साक्ष्य के लिये एकमात्र रजिस्टर्ड जांच करने वाली एजेंसी है. मंत्रालय का प्रत्येक जिले में इस प्रकार की एक रिसर्च लैब अधिसूचित करने का इरादा है.