बजट विशेषः रियलटी-हाउसिंग, रिटेल व्यापारियों की बजट से उम्मीदें
नई दिल्लीः बजट आने में बस 2 दिन बाकी हैं और 1 फरवरी को वित्त मंत्री अरुण जेटली संसद में बजट पेश करेंगे. आम बजट में वित्त मंत्री के ऊपर आम जनता, इंडस्ट्री, शेयर बाजार, देश के सेक्टर, बैंकों सभी की उम्मीदों का बोझ होगा. ऐसे में वित्त मंत्री किनकी उम्मीद पूरी करेंगे और किनको खाली हाथ रखेंगे ये तो बजट वाले दिन ही पता चलेगा. फिलहाल आप जानिए कि देश के अलग-अलग सेक्टर्स की वित्त मंत्री से क्या उम्मीदें हैं जिनके पूरे होने पर इन सेक्टर की कायापलट हो सकती है. नोटबंदी के चलते रियल एस्टेट सेक्टर को भी काफी धक्का लगा है और इसी कारण ये सेक्टर खास तौर पर सरकार से तोहफों की सौगात की उम्मीद लगाए बैठा है. इसके अलावा शेयर बाजार के निवेशकों, रिटेल कारोबारियों की भी बजट से ढेरों उम्मीदें हैं..जानिए आगे
हाउसिंग सेक्टर/रियलटी सेक्टर की बजट से मांगे-उम्मीदें
- बजट में रुरल हाउसिंग स्कीम पर ज्यादा निवेश पर फोकस होना चाहिए. साथ ही कर्ज देने की सीमा को बढ़ाना मिलना चाहिए.
- इसके अलावा प्रधानमंत्री निवास योजना की सब्सिडी का दायरा बढ़ाया जाना चाहिए.
- बजट में टैक्स नियमों में ज्यादा पारदर्शिता लाने पर जोर देना चाहिए. सेक्शन 24 और 80ईई की टैक्स छूट को बरकरार रखना चाहिए जिससे रियलटी सेक्टर में निवेश करने पर लोगों का फोकस बढ़े.
- जानकारों का कहना है कि बजट में होम लोन ब्याज दरों में अतिरिक्त छूट का एलान होना चाहिए. साथ ही इंटरेस्ट रेट का सबवेंशन हर तबके के लिए होना चाहिए.
- बेनामी ट्रांजैक्शन एक्ट, जीएसटी और रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी पर जल्द अमल होना चाहिए.
- सस्ते घरों की डिमांड-सप्लाई में भारी अंतर है, ऐसे में सस्ते घरों के लिए नए उपाय करने होंगे.
- बजट में पहली बार घर खरीदने वालों को ब्याज में ज्यादा छूट देने का एलान होना चाहिए. होम लोन के जरिए टैक्स छूट में नए खरीदार ज्यादा फायदा मिलना चाहिए.
- अफोर्डेबल हाउसिंग में जमीन खरीदने के लिए लोन देने का एलान होना चाहिए. यही नहीं अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए तेज अप्रूवल मिलने पर फोकस करना चाहिए.
- रियल एस्टेट में डिजिटाइजेशन बहुत काम का है, ऐसे में रियल एस्टेट में भी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ाने पर जोर देना चाहिए.
- घर खरीदारों की आमदनी बढ़ानी होगी और इसके लिए रोजगार निर्माण पर जोर दिया जाए. लो कॉस्ट हाउसिंग को इन्फ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दिया जाना चाहिए. एसईजेड को मिलने वाली छूट बढ़ाई जानी चाहिए और सरकार को लैंड प्रोडक्टिविटी बिल लाना चाहिए.
- बजट में रियल एस्टेट में टैक्स का बोझ कम करने पर जोर देना चाहिए.
शेयर बाजार के निवेशकों की बजट से ये हैं उम्मीदें
- शेयर बाजार में निवेशकों ने वित्त मंत्री से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स में रियायत की मांग की है. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगने की वजह से निवेशक 1 साल से ज्यादा अपने पास शेयर रखना पसंद नहीं करते हैं और इसके चलते शेयर बाजार में निवेशकों को लंबे समय के लिए रोके रखने की सरकार की मंशा पूरी होती नहीं दिखती है.
- कमोडिटी बाजार में भी ट्रेडर्स कमोडिटी ट्रांजैक्शन टैक्स यानि सीटीटी हटाने की मांग कर रहे हैं. सीटीटी हटने से सिक्योरिटीज के ट्रेडिंग पर लगने वाले टैक्स को खत्म किया जाएगा और ज्यादा से ज्यादा निवेशक शेयर बाजार में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित हो सकेंगे.
- इसके अलावा राजीव गांधी टैक्स सेविंग स्कीम की लिमिट बढ़ाने और कमोडिटी में ऑप्शन ट्रेडिंग जल्दी शुरू करने की भी मांग का जा रही है. कमोडिटी में ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने की मांग लंबे समय से की जाती रही है और इसके पीछे कमोडिटी बाजार में भी निवेशकों की भागीदारी बढ़ाने की सरकार की कोशिश है.
- रिटेल व्यापारियों की बजट से मांग 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट से देश के रिटेल कारोबारियों को बड़ी उम्मीदे हैं. कारोबारियों को लगता है कि सरकार उन्हें टैक्स में रियायत देगी और व्यापार को आसान करने की तरफ कदम बढ़ाएगी.
- किराना व्यापारियों की बजट से काफी उम्मीदें है. किराना व्यापारी बजट में टैक्स स्लैब को बढ़ाए जाने की और इसे 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किए जाने की उम्मीद कर रहे हैं.
- बजट में व्यापारियों को पीओएस मशीनें सब्सिडाइज्ड कीमत पर मिल जाए इस मांग के पूरी होने की उम्मीद ज्यादातर किराना व्यापारी कर रहे हैं. नोटबंदी के लागू होने के बाद व्यापारियों को पीओएस मशीनें लगाने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है. कई जगह ऐसी भी हैं जहां अभी भी व्यापारियों के लिए
- किराना व्यापार में कम से कम टैक्स लगाया जाए ऐसी उन्हें उम्मीद है.