नई दिल्लीः आयकर विभाग ने आज कहा कि एसेसमेंट इयर 2017-18 में दायर 6.86 करोड़ आयकर रिटर्न में सिर्फ 0.35 फीसदी को ही जांच के लिए छांटा गया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने कहा कि विभाग को इनकम टैक्सपेयर्स में भरोसा है, लेकिन टैक्स चोरी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.


चंद्रा ने आज उद्योग मंडल एसोचैम के कार्यक्रम में कहा, ‘हमने टैक्स बेस बढ़ाया है, लेकिन हमें टैक्सपेयर्स पर विश्वास है. पिछले साल हमें 6.86 करोड़ आयकर रिटर्न मिले. इनमें से मैंने सिर्फ 0.35 फीसदी को ही जांच के लिए चुना है. इसका मतलब है कि 99.65 फीसदी आयकरदाता चैन की नींद सो सकते हैं.' चंद्रा ने कहा कि जो 0.35 फीसदी मामले जांच के लिए चुने गए हैं उनमें से 0.15 फीसदी की ‘सीमित जांच‘ होगी और 0.20 फीसदी की ‘पूर्ण जांच’ होगी.


उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि बड़ी टैक्स चोरी वाले मामलों की ही जांच होगी. आयकर प्रणाली में जांच की प्रक्रिया के तहत टैक्सपेयर्स को उनके आयकर रिटर्न की समीक्षा के बाद आकलन अधिकारी (एओ) को कई दस्तावेज देने को कहा जाता है.


आयकर रिटर्न की जांच इनकम टैक्सपेयर्स के लिए परेशानी का सबब होती है. पहले करीब एक फीसदी आयकर रिटर्न को जांच के लिए छांटा जाता था. अब इस आंकड़े को घटाकर 0.35 फीसदी पर लाया गया है. उन्होंने कहा कि टैक्स अधिकारियों ने विभाग के पास आंकड़ों के आधार पर 4700 अभियोजन के मामले दायर किए थे.


चंद्रा ने कहा कि आप अपना पैसा टैक्स हैवन या किसी अन्य देश में भेज सकते हैं, लेकिन हमारे पास कई देशों के साथ सूचनाओं के ऑटोमैटिक आदान प्रदान की प्रणाली है. कोई बच नहीं सकता. हमारे पास सारी सूचना है. लोग सोचते हैं कि सीमाएं काफी दूर हैं, लेकिन विभिन्न देशों की आर्थिक सीमाएं एक दूसरे के काफी नजदीक हैं.