नई दिल्लीः बुधवार को हुई वॉलमार्ट और फ्लिपकार्ट की बहुचर्चित डील को लेकर सिर्फ यही खास बात नहीं है कि ये 1 लाख 7 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की डील है. इसमें और भी बहुत कुछ खास है जिसे जानकर आपको खुशी हो सकती है.
वॉलमार्ट के सीईओ डग मैकमिलन ने एलान किया है इस डील के बाद भारतीय बाजार में 1 करोड़ से ज्यादा नौकरियों के मौके पैदा होंगे. जिस तरह का वॉलमार्ट का व्यापार मॉडल है वो न केवल नए निवेश के जरिए भारत में नई नौकरियां पैदा करेगी वहीं किराना दुकानदारों को ऐसा प्लेटफॉर्म प्रदान करेगी जिससे उन्हें ज्यादा कमाई होगी और वो रिटेल के साथ साथ ऑनलाइन माध्यम से भी ज्यादा फायदा उठा पाएंगे.
डील के बाद फ्लिपकार्ट के संस्थापकों में से एक बिन्नी बंसल ने भी कहा था कि इस डील से भारतीय व्यापारियों को तो फायदा होगा ही छोटे उद्योगों के लिए ये सौदा फायदेमंद रहने वाला है.
हालांकि अभी इस सौदे को लेकर कुछ और बातें भी सामने आ रही हैं जैसे सॉफ्टबैंक के सीईओ मयासोशी सन ने ई- कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट में अपनी 20-22 फीसदी हिस्सेदारी को लेकर ये साफ कर दिया है कि अमेरिका की खुदरा कंपनी वॉलमार्ट को अपना शेयर बेचने को लेकर उसने अभी कोई फैसला नहीं किया है.सात से दस दिन में इस बात पर फैसला लिया जा सकता है कि फ्लिपकार्ट से बाहर आया जाए या फिर कुछ और समय के लिए कंपनी में निवेश को बरकरार रखा जाए.
इसके पीछे अहम कारण है कि हिस्सेदारी बेचने पर सॉफ्टबैंक को होने वाले मुनाफे पर टैक्स चुकाना होगा , जिसके आधार पर वह फैसला करेगा. सॉफ्टबैंक ने फ्लिपकार्ट में 2.5 अरब डॉलर का निवेश किया था , जबकि इससे बाहर आने पर उसे 4.5 अरब डॉलर मिलेंगे. इस प्रकार दो अरब डॉलर के लाभ पर भारतीय कानून के अनुसार उसे टैक्स देना होगा.