US Treasury Yield: 10 साल वाली अमेरिकी ट्रेजरी नोट यील्ड 23 अक्टूबर 2023 को पहली बार 5 फीसदी के पार जा पहुंचा है. जुलाई 2007 के बाद यानि पिछले 16 सालों में ये पहला मौका है जब अमेरिकी ट्रेजरी नोट यील्ड 5 फीसदी के पार जा पहुंचा है. जब आर्थिक अनिश्चितता का दौर हावी है तो 10 साल के ट्रेजरी नोट यील्ड में उछाल सुरक्षित निवेश की ओर इशारा कर रहा है. 


अमेरिकी ट्रेजरी नोट यील्ड में उछाल फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के पिछले हफ्ते दिए बयान के बाद आया है. जेरोम पॉवेल ने पिछले हफ्ते संकेत दिए की फेडरल रिजर्व  नवंबर की बैठक में ब्याज दरों को स्थिर रख सकता है हालांकि महंगाई में बढ़त की आशंका के चलते ब्याज दरों में बढ़ोतरी का विकल्प खुला हुआ है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में जारी मजबूती और सख्त लेबर मार्केट के चलते मॉनिटरी पॉलिसी की सख्ती को आगे भी जारी रखना पड़ सकता है यानि फेडरल रिजर्व आगे भी ब्याज दरें बढ़ा सकता है.  


हालांकि भी ये भी माना जा रहा कि सरकार बढ़ते घाटे की भरपाई के लिए बॉन्ड की बिक्री को बढ़ा सकती है. सोमवार को 10 साल का अमेरिकी ट्रेजरी नोट यील्ड 8 बेसिस प्वाइंट के उछाल के साथ 5.004 फीसदी पर जा पहुंचा है. मई 2023 के बाद से अमेरिकी ट्रेजरी नोट यील्ड में 160 बेसिस प्वाइंट का उछाल आ चुका है. 


दरअसल सरकारें और कॉरपोरेट जगत बॉन्ड के जरिए रकम जुटाती है. बॉन्ड पर एक ब्याज दिया जाता जो कि स्टेबल होता है. इन बॉन्डों की बाजारों में ट्रेडिंग भी होती है. अमेरिकी ट्रेजरी नोट यील्ड में उछाल के चलते पिछले दिनों अमेरिकी सरकार ने बॉन्ड जारी कर बाजार से पैसे जुटाने की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया.  


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अमेरिकी ट्रेजरी नोट यील्ड में उछाल के चलते ही भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की बिकवाली के चलते बड़ी गिरावट देखने को मिली है. बीएसई सेंसेक्स 825 और निफ्टी में 260 अंकों की गिरावट रही. जबकि मिड कैप इंडेक्स में 1100 अंकों और स्मॉल कैप में 500 अंकों का जोरदार गिरावट देखने को मिला है.