Four Days Working Week: ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था (UK Economy) अपनी पटरी से उतर चुकी है. कई एक्सपर्ट्स का यह दावा है कि यूके में जल्द ही आर्थिक मंदी आ सकती है. ऐसे में वहां के नए पीएम ऋषि सुनक (PM Rishi Sunak) अपनी देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं.  इसके अलावा अब यूके से ऐसी खबर आई है जो वहां के कर्मचारियों के लिए खुशखबरी साबित हो सकती है.


100 कंपनियों ने किया बड़ा एलान
ब्रिटेन की 100 कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के हक में बड़ा फैसला लिया है. यूके की 100 कंपनियों ने यह ऐलान किया है कि वह अपने कर्मचारियों को 4 डेज वर्किंग (Four-Days Working Week) की सुविधा देंगी. ध्यान देने वाली बात ये है कि इन 100 कंपनियों में कुल 2,600 कर्मचारी काम करते हैं. इसके साथ ही पांचवें दिन पर किसी तरह का पे कट नहीं होगा. इन कंपनियों का यह मानना है कि 4 डे वर्किंग होने से देश में बड़े बदलाव आने की उम्मीद है. यहां के कुछ बैंक भी फोर डेज वर्किंग फॉर्मूले पर अब काम करने वाले हैं. 


इन 100 कंपनियां की लिस्ट में दो बड़ी कंपनियों का नाम भी है शामिल
4 डेज वर्किंग सिस्टम के समर्थकों का यह मानना है कि हफ्ते में चार दिन काम करने से कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी बेहतर होगी. इसके साथ ही कर्मचारी और अच्छा काम करने के लिए प्रेरित होंगे. इसके साथ ही कर्मचारी अपने काम को बेहतर करने की कोशिश करेंगे और इससे कंपनियों को फायदा मिलेगा. खास बात ये है कि इन 100 कंपनियों में से दो बड़ी कंपनियां है. 


इन कंपनियों का नाम है फर्म एटम बैंक और एविन. इन दोनों कंपनियों में कुल 450 कर्मचारी काम करते हैं. द गार्जियन में छपी रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य कार्यकारी एडम रॉस ने कहा कि हम इस नए सिस्टम पर स्विच कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि आने वाले वक्त में हमें कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे. इससे कर्मचारियों के ऊपर काम का बोझ कम होगा और इससे कंपनी को लंबे वक्त में फायदा होगा.


दुनिया की 70 कंपनियां इस सिस्टम का कर रहीं ट्रायल
बता दें कि ब्रिटेन की 100 कंपनियों के अलावा 70 और कंपनियों में भी 4 डेज वर्किंग का नियम लागू हुआ है. इस नियम को ट्रायल बेसिस पर शुरू किया गया है. यह ट्रायल सितंबर 2022 से शुरू हुआ है. ध्यान देने वाली बात ये है कि इन कंपनियों में कुल 3,300 लोग काम करते हैं. आपको बता दें कि हाल ही शीर्ष यूनिवर्सिटी ऑक्सफोर्ड, कैंब्रिज और बोस्टन ने मिलकर एक स्टडी की थी. शोधकर्ता ने लोगों से यह सवाल पूछा था कि आपको यह ट्रायल कैसा लगा है. ऐसे में कंपनियों में काम करने वाले कुल 88 फीसदी लोग इस सिस्टम से बेहद खुश हैं. उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि आगे भी यह सिस्टम जारी रहना चाहिए.


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