पीएनबी में 11 हजार करोड़ रु से ज्यादा का घोटाला, वित्त मंत्रालय ने सभी बैंकों से मांगी जानकारी
स्टॉक एक्सचेंज को भेजी सूचना में बैंक ने जानकारी दी है कि मुंबई स्थित एक शाखा से कुछ खाताधारकों को फायदा पहुंचाने के लिए गैर-कानूनी लेन-देन का पता चला. इस लेन-देन के आधार पर ऐसा लगता है कि दूसरे बैंकों ने विदेश में ऐसे खाताधारकों को पैसा दिया.
नई दिल्लीः पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने माना है कि मुंबई स्थित उसकी एक शाखा के जरिए 11 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है. चूंकि इस मामले में कुछ और बैंकों की शाखाओं के इस्तेमाल होने की आशंका है, इसीलिए वित्त मंत्रालय ने तमाम बैकों से इस बारे में हर जरुरी जानकारी सप्ताहांत तक देने को कहा है.
स्टॉक एक्सचेंज को भेजी सूचना में बैंक ने जानकारी दी है कि मुंबई स्थित एक शाखा से कुछ खाताधारकों को फायदा पहुंचाने के लिए गैर-कानूनी लेन-देन का पता चला. इस लेन-देन के आधार पर ऐसा लगता है कि दूसरे बैंकों ने विदेश में ऐसे खाताधारकों को पैसा दिया. पीएनबी का कहना है कि ऐसे लेन-देन अनिश्चित स्वरूप के है, लिहाजा ऐसे मामलों में देनदारी इस बात पर निर्भर करेगी कि क्या लेन-देन कानूनी तौर पर सही थे या फिर वास्तव में हुए भी थे या नहीं. पूरे मामले में1.77 अरब डॉलर यानी करीब 11,334.4 करोड़ रुपये की रकम शामिल है. लेन-देन की वैधता साबित होने के बाद ही बैंक को इतनी रकम का प्रावधान अपने बैलेंश शीट में करना होगा. बैंक ने ये भी कहा है कि पूरे मामले की जानकारी जांच एजेंसियों को दे दी गयी है, ताकि कानून के हिसाब से उचित कार्रवाई की जा सके.
इस पूरे मामले की जड़ मे लेटर ऑफ अंडरटेकिंग यानी एलओयू शामिल है. ये एक तरह की गारंटी होती है जिसके आधार पर दूसरे बैंक खातेदार को पैसा मुहैया करा देते हैं. अब यदि खातादार डिफॉल्ट कर जाता है तो एलओयू मुहैया कराने वाले बैंक की ये जिम्मेदारी होती है कि वो संबंधित बैंक को बकाये का भुगतान करे. समझा जाता है कि पीएनबी के मामले में संदिग्द लेन-देन बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत के जरिए हुआ. शक के आधार पर बैंक ने अपने 10 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है.
इस बीच, पीएनबी ने सीबीआई में अरबपति ज्वैलर नीरव मोदी और एक ज्वैलरी कंपनी के किलाफ शिकायत दर्ज करायी है. एजेंसी ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है. आशंका है कि 10 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा की धोखाधड़ी हुई है.
दूसरी ओर सूत्रों के मुताबिक, चूंकि इस मामले में कई दूसरे सरकारी और निजी बैंक भी शामिल है, इसीलिए वित्त मंत्रालय ने तमाम बैंको ने इस मामले मे सदिग्ध लेन-देन की पूरी जानकारी देने को कहा है. इससे मामले की तह तक तो पहुंचना संभव हो ही सकेगा, साथ ही पूरे घोटाले का अंदाजा और भविष्य में ऐसे किसी भी कारनामे को रोकने में मदद मिलेगी. ध्यान रहे कि वित्त मंत्रालय ने 24 जनवरी को सभी बैंकों को रिफॉर्म एजेंडा भेजा था. इसमें सभी से संदिग्ध खातों को पहचान करने और जालसाजों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही गयी थी. यहां साफ तौर पर गया कि किसी भी तरह की अनियमितता बिल्कुल ही स्वीकार नहीं होगी. मंत्रालय ने बैंकों से ये भी कहा कि यदि सबूत पुख्ता हो तो कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में कोई हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए.
इस खबर के सामने आने के बाद पंजाब नेशनल बैंक के शेयरों में बुधवार को भारी गिरावट देखने को मिली. कारोबार खत्म होने के समय बैंक का शेयर करीब 10 फीसदी घाटे के बाद 145 रुपये 80 पैसे पर बंद हुआ.