Vande Bharat: देश को मिलेगी 11वीं वंदे भारत एक्सप्रेस, इस राज्य के दो शहरों को जोड़ेगी हाई स्पीड ट्रेन
Vande Bharat: देश को 10 वंदे भारत ट्रेनों का तोहफा मिल चुका है और अब 11वीं ट्रेन के लिए लोगों को तैयार होना चाहिए. आने वाले समय में देश के इन दो शहरों को वंदे भारत से जोड़ने की योजना है. जानिए डिटेल्स
Vande Bharat: देश को जल्द ही 11वीं वंदे भारत ट्रेन मिलने वाली है और इसके लिए मध्य प्रदेश के लोगों का इंतजार खत्म होने वाला है. बस ट्रेन के रैक का इंतजार खत्म होने के बाद अप्रैल में एमपी की पहली हाई स्पीड 'वंदे भारत ट्रेन' दौड़ेगी. अब इसके नए वित्तीय वर्ष यानी अप्रैल में पटरी पर दौड़ने की संभावना जताई जा रही है. पहले मार्च के आखिरी हफ्ते में जबलपुर-इंदौर के बीच वंदे भारत ट्रेन चलाने की प्लानिंग की थी लेकिन रैक न मिलने से मामला एक महीने के लिए आगे बढ़ गया.
क्या होगा वंदे भारत ट्रेन का रूट
जबलपुर-इंदौर रुट पर 'वंदे भारत ट्रेन' चलने से मध्य प्रदेश के तीन प्रमुख शहर इंदौर, भोपाल और जबलपुर आपस में हाई स्पीड की रेल सुविधा से जुड़ जाएंगे.
ये ट्रेन जबलपुर-इंदौर के बीच वाया भोपाल के रास्ते दौड़ेगी.
जबलपुर रेल मंडल में 'वंदे भारत ट्रेन' चलाने की तैयारी तैयारी लगभग पूरी हो गई है. यहां के कोचिंग यार्ड में 'वंदे भारत ट्रेन' के रैकों का रख-रखाव किया जाएगा.
फिलहाल जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक वंदे भारत ट्रेन जबलपुर से सुबह 5 बजे चलकर इटारसी, भोपाल, उज्जैन होते हुए इंदौर पहुंचेगी.
वापसी में यह ट्रेन दोपहर 3 बजे इंदौर से रवाना होकर इसी मार्ग से जबलपुर वापस आएगी
मंडर स्तर पर पूरी हो गई ट्रेन चलाने की तैयारियां
रेलवे सूत्रों का कहना है कि मध्यप्रदेश के रेल के यात्रियों को जल्द ही 'वंदे भारत ट्रेन' में सफर का आनंद मिल सकेगा. उच्च पदस्थ रेल सूत्रों की मानें तो इस रूट पर देश की सबसे तेज गति की ट्रेन चलाने की तैयारी मंडल स्तर पर पूरी कर ली गई हैं. ट्रेन के आधुनिक रैकों के रखरखाव की जिम्मेदारी भी जबलपुर मंडल की होगी. इसके लिए मुख्य स्टेशन से लगे कोचिंग यार्ड में इन रैकों का रखरखाव किया जाएगा.
कितनी होगी 11वीं वंदे भारत ट्रेन की स्पीड
हालांकि वंदे भारत ट्रेन की स्पीड 160 किमी प्रति घंटे की है, लेकिन जबलपुर से भोपाल और भोपाल से इंदौर के बीच बने रेलवे ट्रैक की अधिकतम गति 130 किमी प्रतिघंटा की है. इसके चलते इस रूट पर वंदे भारत ट्रेन को उसकी फुल स्पीड से चलाना संभव नहीं होगा. इसे ध्यान में रखते हुए मंडल का ऑपरेटिंग विभाग इसे औसत 100 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार पर चला सकता है. इसका सफर करीब 7 से घंटे में पूरा होगा.
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