नई दिल्लीः बैंकों ने 200 रुपये के नये बैंक नोट के लिए एटीएम मशीनों को पुनर्व्यवस्थित करना शुरू कर दिया है. उद्योग जगत के विशेषज्ञों के अनुसार, इस प्रक्रिया में बैंकों को 100-120 करोड़ रुपये का खर्च उठाना पड़ सकता है.


देश में करीब 2.4 लाख एटीएम मशीनें हैं जिनमें करीब 30 हजार रिसाइक्लर मशीनें भी शामिल हैं. रिसाइक्लर मशीनें पैसा देने और पैसा जमा करने में भी सक्षम है. 200 रुपये के नोट अगस्त में पेश किये गये थे.


एटीएम बनाने और इससे संबंधित सेवाएं देने वाली कंपनी एनसीआर कॉरपोरेशन इंडिया के प्रबंध निदेशक नवरोज दस्तूर ने कहा, ‘‘हमने एटीएम को व्यवस्थित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके लिए एक इंजीनियर को हर मशीन का दौरा करना होगा.’’