फर्जी कॉल- मैसेज में लिंक से होने वाले फर्जीवाड़े पर लगेगी लगाम, ट्रांजैक्शन सर्विस कॉल के लिए 160 सीरीज हुआ अलॉट
Trai News Update: एक बार इसके लागू होने के बाद कॉल करने वाली इकाईयों की पहचान की जा सकेगी साथ ही नागरिकों को फ्रॉड का शिकार होने से बचाया जा सकेगा.
TRAI Update: आने वाले दिनों में बैंकों, ब्रोकरेज हाउसेज, बीमा कंपनियों और पेंशन फंड्स से आने वाले कॉल्स का पहचान करना कस्टमर्स के लिए आसान होने वाला है. टेलीकॉम सेक्टर के रेग्यूलेटर ट्राई ने ट्रांजैक्शनल और सर्विसेज कॉल्स के लिए 160 सीरीज वाले नंबर को अलॉट कर दिया है. भारतीय रिजर्व बैंक, सेबी, आईआरडीएआई, पीएफआरडीए द्वारा रेग्यूलेटेड वित्तीय संस्थाएं अपने कस्टमर्स को कॉल करने के लिए इस सीरीज के नंबर का इस्तेमाल करेंगी.
संचार मंत्रालय ने एक रिलीज जारी कर बताया कि 14 जून 2024 को ट्राई ने भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India), सेबी (Securities and Exchange Board of India), आईआरडीएआई (IRDAI) समेत 25 बैंकों समेत दूसरे वित्तीय संस्थाएं और सरकारी, प्राइवेट और विदेशी बैंकों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की है. इस बैठक में सभी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के अलावा एसोसिएशन ऑफ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज मेंबर्स ऑफ इंडिया (ANMI) के सदस्य भी शामिल हुए जिसमें ये फैसला लिया गया है.
ट्राई की सिफारिशों के बाद ट्रांजैक्शनल और सर्विस वॉयस कॉल्स के लिए 160 सीरीज को अलॉट किया गया है. पहले चरण में भारतीय रिजर्व बैंक, सेबी, आईआरडीएआई, पीएफआरडीए द्वारा रेग्यूलेटेड वित्तीय संस्थाओं के लिए ये रखा गया है. एक बार इसके लागू होने के बाद कॉल करने वाली इकाईयों की पहचान की जा सकेगी साथ ही नागरिकों को फ्रॉड का शिकार होने से बचाया जा सकेगा. बैठक में 140 सीरीज के ऑपरेशन पर भी चर्चा हुई जिसका इस्तेमाल प्रमोशन के लिए किया जाता है. इसे डीएलटी प्लेटफॉर्म पर माइग्रेट किया जा रहा है. इन दो फैसलों के जरिए 10 डिजिट वाले नंबर से स्पैम कॉल को रोका जा सकेगा.
डीसीए फैसिलिटी के जरिए बैंकों, बीमा कंपनियों और दूसरी इकाईयों को एसएमएस या वॉयस के जरिए प्रमोशनल कम्यूनिकेशन भेजने के लिए कस्टमर्स की मंजूरी लेने में आसानी हेगी. सभी रेग्यूलेटर्स, बैंक और फाइनेंशियल संस्थाओं ने वॉयस कॉल के जरिए स्पैम को रोकने पर जोर दिया. सभी स्टेकहोल्डर्स ने तय समय सीमा के भीतर इसे लागू करने का भरोसा दिया है.
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