Top 30 IPO Return: हुंडई मोटर इंडिया (Hyundai Motor India) के महा-आईपीओ के खुले दो दिन हो चुके हैं और अब तक कुल साइज का केवल 42 फीसदी ही भरा है. गुरुवार 17 अक्टूबर आईपीओ में आवेदन का आखिरी दिन है. कैपिटलमाइंड फाइनेंशिल सर्विसेज (Capitalmind Financial Services) ने एक स्टडी जारी किया है जिसके मुताबिक साइज के लिहाज से देश में जो टॉप 30 आईपीओ लॉन्च हुए हैं उसमें से 18 आईपीओ निवेशकों के लिए ज्यादा रिटर्न जेनरेट करने में फेल रहा है.


रिलायंस पावर ने दिया नेगेटिव रिटर्न


कैपिटलमाइंड फाइनेंशिल सर्विसेज के स्टडी के मुताबिक साइज के लिहाज से 30 जो बड़े आईपीओ लॉन्च हुए हैं उसमें 8 आईपीओ ऐसे हैं जिसने निवेशकों को नेगेटिव रिटर्न दिया है. सबसे हाई प्रोफाइल रिलायंस पावर का आईपीओ रहा है जो अपने दौर का सबसे बड़ा आईपीओ था उसने सबसे ज्यादा नेगेटिव रिटर्न दिया है. टॉप 10 में 2 ऐसे आईपीओ है जिसने CNX500 से ज्यादा रिटर्न जेनरेट किया है. कोल इंडिया 14 साल में डबल हो गया लेकिन उसके डिविडेंड को जोड़ दें तो कंपनी ने बेहतर रिटर्न दिया है. 


जोमैटो सबसे सफल आईपीओ 


साइज के हिसाब से टॉप 10 आईपीओ में केवल जोमैटो का ही ऐसा आईपीओ है जिसने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है. इसके अलावा टॉप 30 आईपीओ में हिदुस्तान एरोनॉटिक्स  (Hindustan Aeronautics), आईआरएफसी (IRFC), सोना बीएलडब्ल्यू प्रिसिजन फोर्जिंग्स (Sona BLW Precision Forgings) और आईसीआईसीआई लॉमबार्ड ( ICICI Lombard) शामिल है जिसने बढ़िया पैसा बनाकर आईपीओ में निवेश करने वाले निवेशकों को दिया है.  


बड़े आईपीओ नहीं देते हैं बढ़िया रिटर्न 


कैपिटलमाइंड फाइनेंशिल सर्विसेज के मुताबिक साइज के हिसाब से जो टॉप 10 आईपीओ लॉन्च हुए हैं उसमें से 5 पिछले दो वर्षों के दौरान आए हैं. इनमें से सभी ने स्टॉक एक्सचेंज पर बेहतर प्रदर्शन किया है जिसमें बजाज हाउसिंग फाइनेंस (Bajaj Housing Finance), भारती हेक्साकॉम (Bharti Hexacom), ब्रेनबीज ( Brainbees) शामिल है. इस डेटा पर कैपिटलमाइंड फाइनेंशियल सर्विसेज के इंवेस्टमेंट और हेड ऑफ रिसर्च अनूप विजयकुमार ने कहा, कुलमिलाकर बड़े आईपीओ निवेशकों के लिए ज्यादा रिटर्न डेलीवर करने में नाकाम रहे हैं. 


2024 में कंज्यूमर कंपनियों का दबदबा 


कैपिटलमाइंड फाइनेंशिल सर्विसेज के मुताबिक आईपीओ में फंड जुटाने के मामले में फाइनेंशियल सेक्टर का दबदबा रहा है. हालांकि 2024 में कंज्यूमर कंपनी सबसे बड़ी इंडस्ट्री कैटगरी बनकर उभरी है. 2024 में जितने फंड जुटाये गए हैं उसमें कंज्यूमर कंपनियों की हिस्सेदारी 34 फीसदी, फाइनेंशियल की 27 फीसदी और इंडस्ट्रियल्स की 14 फीसदी हिस्सेदारी रही है.  


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