Two Days Nationwide Strike: दो दिनों के देशव्यापी हड़ताल के पहले दिन पूरे देश में 20 करोड़ से अधिक श्रमिक, कर्मचारी और ग्रामीण श्रमिक बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया. दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों (INTUC, AITUC, HMS, CITU, AIUTUC, TUCC, SEWA, AICCTU, LPF, UTUC) और स्वतंत्र क्षेत्रीय संघों और संघों के संयुक्त मंच द्वारा आह्वान पर ये हड़ताल का  किया जा रहा है. वामपंथी ट्रेड यूनियन एटक ( AITUC) ने बयान जारी कर ये बातें कही है.  


एटक के मुताबिक, बैंकों, बीमा कंपनियों के कामगारों और कर्मचारियों ने भारत में कहीं भी अपने कार्यस्थलों में प्रवेश नहीं किया. कोयला, स्टील, पोस्ट, तेल, तांबा, दूरसंचार क्षेत्र के कर्मचारियों ने 28 मार्च की सुबह से हड़ताल पर जमे रहे. महाराष्ट्र सहित सभी राज्यों में बिजली कर्मचारी हड़ताल पर चले गए, जहां सरकार ने एस्मा लागू किया था.  केरल राज्य संघों ने 27-28 मार्च की मध्यरात्रि से ही हड़ताल की कार्रवाई शुरू कर दी थी. रेलवे और रक्षा क्षेत्र के कर्मचारियों के देश भर में एक हजार से अधिक स्थानों पर उग्रवादी प्रदर्शन आयोजित किए जाने की खबर है. 


देश के विभिन्न हिस्सों में चक्का जाम, रोड रोको, रेल रोको कार्यक्रमों में सैकड़ों स्थानों पर आंगनबाडी, आशा, मिड-डे मील और घरेलू कामगार, निर्माण, बीड़ी और कृषि कार्यकर्ता, हॉकर-विक्रेता विरोध प्रदर्शन में भाग ले रहे हैं. हरियाणा में सड़क परिवहन कर्मचारियों ने एस्मा की अवहेलना करते हुए 28 मार्च की सुबह से डिपो पर धरना देकर अपनी हड़ताल शुरू कर दी. 



तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, असम, हरियाणा, झारखंड राज्यों में बंद जैसी स्थिति है.  हड़ताल का असर गोवा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, बिहार, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में भी पर्याप्त है. सिक्किम में भी सुरक्षाकर्मी हड़ताल पर चले गए हैं. दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, जम्मू-कश्मीर के औद्योगिक क्षेत्रों में हड़ताल की सूचना है. तमिलनाडु में 50000 सरकारी कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के 300 स्थानों पर धरना दिया. आयकर विभाग के कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हो गए हैं. मछुआरे भी सुबह समुद्र में नहीं गए.


संयुक्त किसान मोर्चा के निर्णय के अनुरूप अपनी छह मांगों को लेकर मजदूरों की मांगों के समर्थन के लिए दबाव बनाते हुए किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा के निर्णय के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में लामबंद किया है.


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