RBI 2000 rupees note: भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से 2000 रुपये के चलन से बाहर लेने के फैसले के बाद कई खुदरा ज्वैलर्स हाई वैल्यू अमाउंट को एक्सेप्ट करने के लिए आधार और पैन कार्ड की प्रति मांग रहे हैं. ऐसा इस कारण, क्योंकि ज्वैलर्स टैक्स जांच के खिलाफ एतिहात बरतना चाहते हैं.
आरबीआई ने शुक्रवार को कहा था कि लोगों को 30 सितंबर तक 2 हजार रुपये के नोट को बदलना होगा. एक व्यक्ति 20 हजार रुपये तक किसी भी ब्रांच में जाकर चेंज कर सकते है. जमाकर्ताओं के लिए ये कोई लिमिट नहीं हैं, लेकिन KYC नियम अप्लाई होंगे.
ज्वैलर्स पर टैक्स की जांच
2016 में नोटबंदी के बाद कई ज्वैलर्स को 500 और 1000 रुपये के अमान्य नोटों को स्वीकार करने के लिए कड़ी टैक्स जांच का सामना करना पड़ा था. मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, आईपीओ बाउंड सेंको गोल्ड एंड डायमंड के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा कि हम सभी 139 स्टोर्स पर ग्राहकों से केवाईसी के साथ 2000 रुपये के नोट एक्सेप्ट किया जाए. उन्होंने कहा कि केवाईसी का मतलब नो योर कस्टमर है और इसमें पैन और आधार कार्ड की प्रतियों का प्रमाण शामिल है.
पैन और आधार कार्ड की मांग
पुणे स्थित पीएन गाडगिल एंड संस की ओर से कहा गया है कि तीन राज्यों में 29 स्टोर के साथ घोषणा पत्र के साथ दो हजार के नोट एक्सेप्ट किए जा रहे हैं. वहीं मुंबई के कई ज्वैलर्स का कहना है कि 20 हजार, 50 हजार और उससे ज्यादा के कैश पर पैन और आधार कार्ड मांगे जा रहे हैं.
50 हजार से ज्यादा के लिए क्या नियम
PMLA मानदंड प्रति व्यक्ति 50,000 रुपये तक केवाईसी-मुक्त नकद बिक्री निर्धारित करते हैं. 50,000-2 लाख रुपये से बिक्री के लिए आधार जैसे व्यक्तिगत पहचान प्रमाण की आवश्यकता होती है और उस मूल्य से ऊपर की किसी भी चीज के लिए पैन कार्ड अनिवार्य है.
8 नवंबर 2016 को सरकार ने उस दिन की आधी रात तक 500 रुपये और 1,000 के नोटों को बंद कर दिया था. इसके परिणामस्वरूप कुछ ग्राहकों के पास काला धन रखने वाले आभूषण और लक्जरी स्टोरों की भीड़ उमड़ पड़ी थी. इसके साथ ही कई लोगों के टैक्स की भी जांच की गई थी.
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