Hydrogen Production in India: भारत सरकार ने देश में हाइड्रोजन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रोलायजर उत्पादन को बढ़ाने का फैसला किया है. इसके लिए हाल ही में 1.5 गीगावाट क्षमता वाले प्लांट के लिए बोलियां आमंत्रित की गई थीं. इस योजना को लेकर कारोबारियों में जबरदस्त उत्साह देखा गया है. जानकारी के अनुसार, इस प्लांट के लिए 21 कंपनियों ने बोली लगाई है. रोचक बात यह है कि अंबानी और अडानी ने भी बोली लगाई है. इसके चलते अब यह देखना दिलचस्प रहेगा कि देश के दिग्गज कारोबारियों के इस डील में मौजूद होने के बाद यह प्लांट किसको मिलता है.
ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के लिए 19744 करोड़ रुपये दिए थे
प्लांट के लिए रिलायंस इलेक्ट्रोलायजर, अडानी न्यू इंडस्ट्रीज, एलएंडटी इलेक्ट्रोलायजर और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स जैसी दिग्गज कंपनियां इस दौड़ में शामिल हुई हैं. सोलर एनर्जी कॉरपोरशन ऑफ इंडिया (SECI) इस प्लांट के लिए 7 जुलाई को बोलियां आमंत्रित की थीं. इस प्लांट के लिए सरकार ने प्रोडक्शन लिंक ग्रांट का ऐलान किया है. सरकार ने जनवरी, 2023 में नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के लिए 19744 करोड़ रुपये दिए थे. इस पैसे का इस्तेमाल स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन में किया जाना है.
एसईसीआई ने बोलियां आमंत्रित की थीं
रिलायंस इंडस्ट्रीज और अडानी ग्रुप पहले भी कई बार सामने आ चुके हैं. हाइड्रोजन उत्पादन में इलेक्ट्रोलायजर एक बहुत जरूरी चीज होती है. 10 जुलाई को सरकारी कंपनी एसईसीआई ने 4.5 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए प्लांट लगाने की बोलियां भी आमंत्रित की थीं. यह बोलियां स्ट्रैटजिक इंटरवेंशन फॉर ग्रीन हाइड्रोजन ट्रंजीशन स्कीम (SIGHT) के तहत मंगाई गई थीं. एसईसीआई के मुताबिक, 21 कंपनियों ने 1.5 गीगावाट सालाना के ऑफर से ज्यादा 3.4 गीगावाट उत्पादन के लिए बोली लगाई है.
इन कंपनियों ने भी खेला दांव
स्कीम के अंतर्गत अंबानी-अडानी के अलावा हिल्ड इलेक्ट्रिक प्राइवेट, ओहमियम ऑपरेशंस, जॉन कॉकरील ग्रीनको हाइड्रोजन सोलूशंस, वारी एनर्जीस, जिंदल इंडिया, अवादा इलेक्ट्रोलायजर, ग्रीन एच2 नेटवर्क इंडिया, अद्वैत इंफ्राटेक, एसीएमई क्लीनटेक सोलूशंस, ओरिआना पावर, मैट्रिक्स गैस एंड रिन्यूएबल्स, एचएचपी सेवन, होमीहाइड्रोजन, न्यूट्रेस, सी डॉक्टर एंड कंपनी, प्रतिष्णा इंजीनियर्स और लिवहाय एनर्जी ने अप्लाई किया है.
14 कंपनियों ने ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए अप्लाई किया
इसके अलावा 14 कंपनियों ने 5.53 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन क्षमता के उत्पादन के लिए अप्लाई किया है जबकि 4.5 लाख टन क्षमता के लिए ही बोलियां आमंत्रित की गई थीं. इनमें टोरेंट पावर, रिलायंस ग्रीन हाइड्रोजन और भारत पेट्रोलियम जैसी दिग्गज कंपनियों ने दाव लगाया है.
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