नई दिल्लीः जीएसटी लागू होने में अब सिर्फ 8 दिन बचे हैं, लेकिन अब भी लोगों में इसे लेकर उलझनें बरकरार हैं, खासकर कारोबारी ज्यादा परेशान हैं, जीएसटी को लेकर कारोबारियों के मन में जितने भी सवाल हैं उनके जवाब यहां पर दिए गए हैं. जीएसटी के दायरे में आने वाले व्यापारियों के लिए एक खास बात ये है कि जीएसटी लागू होने के बाद कारोबारी अगर टैक्स चोरी करते पकड़े गए तो बेहद कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है.


जीएसटी के तहत कारोबारियों की 3 श्रेणी बनायी गयी हैं. पहली 20 लाख तक सालाना टर्नओवर वाली, दूसरी 20 से 75 लाख और तीसरी श्रेणी 75 लाख से ज्यादा टर्नओवर वाली है. कारोबारियों की परेशानियों और शंकाओं को दूर करने के लिए चार्टड अकाउंटेंट सुनील भंसाली ने तीनों श्रेणियों में आने वाले कारोबारियों के सवालों के जवाब देने की कोशिश की है.


20 लाख तक सालाना टर्नओवर वाले कारोबारी पर असर
जहां तक 20 लाख से नीचे के दुकानदारों का मतलब है उनके ऊपर टैक्स का कोई फर्क नहीं पड़ेगा, जीएसटी से कोई फर्क नहीं पड़ेगा, पहले भी वो टैक्स नहीं देते थे, अब भी जीएसटी की छूट वाली श्रेणी में पड़ेंगे, उनको अब टैक्स देने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी. जीएसटी आने के बाद 20 लाख तक सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.


20 से 75 लाख तक सालाना टर्नओवर वाले कारोबारी पर असर
ऐसे व्यापारियों को मौजूदा कानून के मुताबिक सामान बेचने पर वैट और कई दूसरे टैक्स देने पड़ते हैं, वैट बचाने के लिए ऐसे व्यापारी या तो ग्राहकों को बिल नहीं देते थे या फिर अपने पास मौजूद सामानों बिक्री नहीं दिखाते थे, नतीजा बचा हुआ पैसा इनके खाते में रह जाता था, लेकिन जीएसटी आने के बाद ऐसा करना नामुमकिन हो जाएगा, इन व्यापारियों के पास सिर्फ दो ही विकल्प होंगे.


पहला
जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराएं, इससे ग्राहकों से जीएसटी चार्ज कर पाएंगे और इनपुट क्रेडिट भी ले पाएंगे.


दूसरा
सरकार की कंपोजिट स्कीम लेने का दूसरा विकल्प होगा. इसमें उन्हें सालाना टर्नओवर का 0.5 फीसदी टैक्स देना पड़ेगा, यानि 75 लाख के टर्नओवर पर सालाना 37500 रूपए टैक्स देना होगा, इसके अलावा और कोई टैक्स नहीं मिलेगा


जो इन्होंने अपने प्रोडक्ट में जीएसटी दी है उसकी क्रेडिट नहीं ले सकते हैं, और ना ही वो अपने कस्टमर से जीएसटी चार्ज कर सकते हैं, ये जो 0.5 फीसदी जो है उसे ऐसा समझा जाए कि ये .5 फीसदी उनके फायदे से जाएगा


75 लाख से ज्यादा सालाना टर्नओवर वाले कारोबारी पर असर
जीएसटी का सबसे ज्यादा असर 75 लाख से ज्यादा सालाना टर्नओवर वाले व्यापारियों पर ही पड़ने वाला है, अक्सर ऐसे व्यापारियों के साथ फर्ज़ी इन्वॉयस, गलत तरीके से रिफंड बिक्री के आंकड़ों और रिटर्न में छेड़छाड़ की शिकायतें आती हैं, लेकिन अब जीएसटी आने के बाद ऐसा करना मुश्किल हो जाएगा क्योंकि सही जानकारी नहीं दी तो सामान पर ज्यादा टैक्स देना पड़ेगा और टैक्स क्रेडिट भी तभी मिलेगा जब व्यापारी सामान की बिक्री पर अपना मुनाफा दिखाकर टैक्स जमा करेगा


ऐसे कारोबारियों के लिए सारा ऑटो मैकेनिज्म है. जैसे ही सामान खरीदा जाएगा तो ऑटो सिस्टम में ट्रेल बनती जाएगी, और ट्रेल तबतक नहीं खत्म होगी जबतक उसको टैक्स चुका कर उपभोक्ता को नहीं ट्रांसफर किया जाएगा. अगर आप व्यापारी हैं तो जीएसटी लागू होने के बाद जानकारी छुपाना या टैक्स चोरी करना बहुत भारी पड़ सकता है, गलत जानकारी दी या उससे छेड़छाड़ की तो पकड़े जाने पर 6 महीने से 5 साल तक की सजा, 1 से 2 करोड़ तक टैक्स चोरी की तो 1 से 5 साल तक की सजा, 2 से 5 करोड़ तक टैक्स चोरी की तो 3 से 5 साल तक की सजा, अगर 5 करोड़ से ज्यादा के टैक्स की चोरी की तो 5 साल तक की सजा हो सकती है.


आज की डेट में रजिस्ट्रेशन के लिए जो प्रक्रिया बनाई गई है उसके तहत पैन नंबर और आधार नंबर लिंक होने के बाद कुछ मुश्किल हो सकती है. मुश्किल हो जाएगा कि गलत रजिस्ट्रेशन पर आदमी पहचाना ना जाए और उसकी गतिविधिय़ां कंट्रोल ना हो पाए. यानि साफ है कि जीएसटी को लाकर सरकार का मकसद देश में व्यापार को ज्यादा पारदर्शी बनाने का है, हालांकि कागजी कार्रवाई बढ़ने से व्यापारियों को इससे परेशानियां तो होंगी लेकिन टैक्स चोरी को रोकने में भी मदद मिलेगी.




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