नई दिल्ली: पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने आज राज्य का बजट पेश किया. वित्त वर्ष 2019-20 के लिये पंजाब में कुल 1,58,493 करोड़ रुपये के खर्च का बजट पेश किया गया है. बजट में नये वित्त वर्ष के दौरान किसी भी नये टैक्स का प्रस्ताव नहीं किया गया है. इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण और शहरी ढांचागत सुविधाओं पर जोर दिया गया है. इन क्षेत्रों के लिये बजट आवंटन में 9 से लेकर 36 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गयी है.
किसानों के कर्ज माफी के लिये बादल ने 3000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया है. उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार योजना के अगले चरण के क्रियान्वयन में भूमिहीन कृषि श्रमिकों और उन किसानों के परिवार के कर्ज माफ करेगी जिन्होंने मजबूरन खुदकुशी की.’
राज्य पर 2019- 20 के दौरान कुल बकाया कर्ज 2,29,612 करोड़ रुपये तक पहुंच जाने का अनुमान लगाया गया है जो कि 2018-19 के संशोधित अनुमान में 2,12,276 करोड़ रुपये रहा है. राज्य के वित्त मंत्री ने बढ़ते कर्ज के लिये पहले की अकाली दल-भाजपा सरकार के राजकोषीय मामलों में गैर-जिम्मेदाराना रवैये को जिम्मेदार ठहराया.
राजस्व घाटा और राजकोषीय घाटा
बजट में 2019-20 में राजस्व घाटा और राजकोषीय घाटा क्रमश: 11,687 करोड़ रुपये (सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.02 फीसदी) और 19,658 करोड़ रुपये (सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 3.40 फीसदी) रहने का अनुमान लगाया गया है.
मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि बजट में राज्य में गुड्स मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिये नई नीति ‘मेक इन पंजाब’ का मसौदा तैयार किया गया है. जालंधर में अत्याधुनिक स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स स्थापित किया जाएगा. वहीं बरनाला और मनसा में ‘ओल्ड एज होम’ बनाये जाएंगे.
वित्त मंत्री ने बजट में किसी नये टैक्स का प्रस्ताव नहीं किया और उम्मीद जताई कि टैक्स अनुपालन और प्रशासन में सुधार से खर्च और आय के बीच अंतर कम होगा.
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