3rd Largest Economy: आर्थिक मोर्चे पर एक और खुशखबरी, भारत जल्द बन जाएगा तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी
3rd Largest Economy: रेटिंग एजेंसी एसएंडपी के मुताबिक, भारत की जीडीपी तीन साल तक तेजी से बढ़ती रहेगी. उसे यह लक्ष्य हासिल करने में ज्यादा दिक्कत नहीं आने वाली.
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3rd Largest Economy: भारतीय इकोनॉमी लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ रही है. हाल ही में हमने 4 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने का लक्ष्य हासिल किया था. अब भारत तेजी से 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की तरफ कदम बढ़ा रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि भारत जल्द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. ग्लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने भी अब इस पर मुहर लगा दी है.
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी का अनुमान
रेटिंग एजेंसी एसएंडपी (S&P) ने अनुमान जताया है कि भारत 2030 तक आसानी से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. उसे यह लक्ष्य हासिल करने में ज्यादा दिक्कत नहीं आने वाली. उसने कहा है कि भारत की आर्थिक विकास दर 2026-27 तक 7 फीसदी होगी. एजेंसी ने अपने ग्लोबल क्रेडिट आउटलुक 2024 में बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी 6.4 फीसदी रहने वाली है. पिछले साल यह 7.2 फीसदी रही थी. एजेंसी का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026-27 में यह 7 फीसदी तक पहुंच जाएगी और 2030 तक भारत के दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा.
तीन साल तक तेजी से बढ़ती रहेगी इकोनॉमी
एजेंसी के मुताबिक, अगले तीन साल तक भारत तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बना रहेगा. उसके सामने फिलहाल कोई चुनौती नजर नहीं आती. भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. उससे आगे सिर्फ अमरीका, चीन, जर्मनी और जापान हैं. अमरीका की जीडीपी 26.46 ट्रिलियन और चीन की 19.37 ट्रिलियन डॉलर है. इसके बाद जर्मनी और जापान की अर्थव्यवस्था है जो कि क्रमशः 4.3 और 4.4 ट्रिलियन डॉलर है. भारत के लिए जर्मनी और जापान को पार करना ज्यादा मुश्किल नहीं होने वाला है.
भारत को बनना होगा ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनने पर ध्यान देना होगा. यदि ऐसा हो पाया तो भारत को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता. फिलहाल भारत की अर्थव्यवस्था सर्विस सेक्टर पर ज्यादा निर्भर है. भारत को आर्थिक तरक्की जारी रखने के लिए कर्मचारियों का कौशल विकास करना होगा. साथ ही महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार देने की योजनाएं बनानी होंगी.
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