Wedding Season: इस सीजन में देशभर में 42 लाख शादियां होने का अनुमान, अर्थव्यवस्था को मिलेगा 5.5 लाख करोड़ का बूस्टर डोज
Wedding Economy: 42 लाख शादियों के चलते डिमांड बढ़ने से अर्थव्यवस्था को तो फायदा होगा ही बड़ी मात्रा में रोजगार का भी सृजन होगा.
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Wedding Season In India: मौजूदा शादियों के सीजन में देशभर में करीब 42 लाख शादियां होने का अनुमान है जिससे देश की अर्थव्यवस्था को 5.5 लाख करोड़ रुपये का बूस्टर डोज मिल सकता है. ट्रेडर्स की फेडरेशन कैट ने ये डेटा जारी किया है. कैट के मुताबिक उसके रिसर्च विंग ने देशभर के 30 शहरों के व्यापारियों और सर्विस प्रोवाइडर्स से बातचीत के आधार पर ये आकंलन किया है.
कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के मुताबिक देशभर में 15 जनवरी से 15 जुलाई तक चलने वाले शादियों के सीजन में 42 लाख शादियां होंगी और इस अवधि के दौरान विवाह से जुड़ी खरीदारी और सर्वेिसेज उपलब्ध कराने के माध्यम से करीब 5.5 लाख करोड़ रुपये की भारी नगदी देश भर के बाजारों में आएगी. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि दिल्ली में ही इस शादियों के मौसम में 4 लाख से अधिक विवाह होने की संभावना है, जिससे करीब ₹ 1.5 लाख करोड़ का कारोबार होगा. पिछले साल 14 दिसंबर 2023 को समाप्त हुए विवाह सीजन में लगभग 35 लाख विवाह हुए थे, जिसमें करीब 4.25 लाख करोड़ रुपये का व्यापार हुआ था.
कैट के मुताबिक इस विवाह सीजन के दौरान, 5 लाख शादियों में प्रति विवाह का खर्च 3 लाख रुपये रह सकता है. जबकि लगभग 10 लाख शादियां ऐसी होंगी जिसमें प्रत्येक शादी में 6 लाख रुपये तक खर्च होने का अनुमान है. इसके अतिरिक्त, 10 लाख विवाहों की अनुमानित लागत प्रति विवाह के हिसाब से 10 लाख रुपये रह सकता है. करीब 10 लाख विवाह की लागत ₹ 15 लाख प्रति विवाह होगी. जबकि 6 लाख शादियों में हर एक शादी में 25 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है. 60 हजार विवाह ऐसी होंगी जिसमें हर शादी में 50 लाख रुपये, और 40 हजार शादियों में प्रत्येक शादी में 1 करोड़ से अधिक खर्च होने का अनुमान है. इन सबकों मिला दें तो 42 लाख शादियों में इस छह महीने के दौरान, विवाह संबंधित खरीदारियों एवं सेवाओं के ज़रिये से लगभग 5.5 लाख करोड़ रुपये के व्यापार होने का अनुमान है.
प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि विवाह सीजन से पहले, घर की मरम्मत और पेंटिंग में काफी व्यवसाय होता है. इसके अलावा, आभूषण, साड़ी, लहंगा-चुनरी, फर्नीचर, रेडीमेड कपड़े, कपड़े, जूते, विवाह और शुभकार्य कार्ड, सूखे मेवे, मिठाई, फल, पूजा वस्त्र, किराना, अनाज, सजावटी वस्त्र, घर की सजावट, इलेक्ट्रिकल यूटिलिटीज, इलेक्ट्रॉनिक्स, और विभिन्न उपहार आइटम आदि की माँग सबसे अधिक होती है जिनको उस सीजन में बड़ा व्यापार मिलने की बड़ी उम्मीद है. ऐसे में शादियों के सीजन के चलते जहां अर्थव्यवस्था को फायदा होता है वहीं बड़ी मात्रा में लोगों को रोजगार भी मिलता है.
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