5G Spectrum Auctioning: 5जी स्पेक्ट्रम की निलामी की प्रक्रिया सोमवार को खत्म हो गई. इस नीलामी प्रक्रिया में चार टेलीकॉम कंपनियों ने 1,50,173 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाई है जो सरकार के अनुमान से कहीं ज्यादा है. 26 जुलाई, 2022 को 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू हुई थी जो 7 दिनों तक चली है.
आपको बता दें रिलायंस जियो, भारतीय एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और पहली बार टेलीकॉम सेक्टर में कदम रख रही अडानी डाटा नेटवर्क्स ने 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में हिस्सा लिया है. माना जा रहा है कि अलग अलग बैंड में स्पेक्ट्रम के लिये रिलायंस जियो और भारती एयरटेल ने आक्रमक तरीके से बोली लगायी हैं. टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि नीलामी में बोली में रखे गये सभी बैंड के लिये अच्छी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली है. इस बैंड के लिये 2016 और 2021 में हुई नीलामी में कोई खरीदार नहीं आया था. बहरहाल 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में 1,50,173 करोड़ रुपये की बोली सरकार के अपने अनुमान से कहीं अधिक रही है. साथ ही यह 2015 में नीलामी से प्राप्त 1.09 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड राजस्व से कहीं अधिक है.
नीलामी प्रक्रिया के दौरान उत्तर प्रदेश(पूर्वी) मार्केट के लिए 1800 मेगाहर्ट्ज के लिए जबरदस्त नीलामी देखने को मिली है. यूपी-ईस्ट सर्किल के लिए यूनिट प्राइस बेस प्राइस से 91 करोड़ रुपये से 76.5 फीसदी से बढ़कर 160.57 करोड़ रुपये पर जा पहुंची.
5जी से इंटरनेट स्पीड होगी 10 गुनी तेज
माना जा रहा है कि एक बार टेलीकॉम कंपनियों को 5जी स्पेक्ट्रम आवंटन के बाद अक्टूबर, 2022 में देश के कई बड़े शहरों में 5जी मोबाइल सेवा की शुरूआत हो जाएगी. बहरहाल 5जी मोबाइल सर्विस के शुरू होने के बाद मोबाइल टेलीफोनी और इंटरनेट की दुनिया ही बदल जाएगी. एक अनुमान के मुताबिक 5जी की स्पीड 4जी से 10 गुना ज्यादा है. 5जी सर्विस शुरू होने के बाद ऑटोमेशन का नया दौर शुरू होगा. अभी तक जो चीजें बड़े शहरों तक सीमित है उनकी पहुंच गांवों तक होगी जिसमें ई-मेडिसीन शामिल है, शिक्षा और कृषि क्षेत्र को जबरदस्त फायदा होगा. 5जी सेवा के लॉन्च होने के बाद देश में डिजिटल क्रांति को नया आयाम मिलेगा. रोबोटिक्स तकनीक का विकास होगा. देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी साथ ही ई-गवर्नेंस का विस्तार होगा.
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