2029 तक 86 करोड़ होगी 5जी मोबाइल सब्सक्राइबर्स की संख्या, डेटा खपत के मामले में भारत सबसे आगे
Internet Consumption: डेटा खपत करने के मामले में पूरी दुनिया में भारत सबसे ऊपर है. स्मार्टफोन्स पर औसतन भारत में लोग पांच घंटे डेटा खपत करते हैं.
Indian Telecom Market: देश में 5जी मोबाइल कस्टमर्स का बेस 2023 में 130 मिलियन रहा था जिसकी संख्या बढ़कर 2029 तक 860 मिलियन यानि 86 करोड़ तक जा सकती है. प्रभुदास लीलाधर ने देश के टेलीकॉम मार्केट को लेकर एक रिपोर्ट जारी किया है जिसमें ये बातें कहीं गई है. रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा चुनावों के बाद टेलीकॉम ऑपरेटर्स द्वारा 25 फीसदी तक टैरिफ बढ़ाया जा सकता है जिसके चलते प्रति यूजर औसत रेवेन्यू (ARPU) 208 रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2026-27 तक 286 रुपये तक जा सकता है. 2023 से लेकर 2027 के बीच सालाना 7 से 7.5 फीसदी के दर से ARPU बढ़ने की संभावना है.
100 में केवल 82.2 वायरलेस कस्टमर्स
प्रभुदास लीलाधर के एडवाइजरी हेड विक्रम कसात ने ये रिपोर्ट तैयार किया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत दुनिया के टॉप पांच टेलीकॉम मार्केट में शामिल है जिसका कस्टमर बेस 2.9 फीसदी के दर से सालाना बढ़ रहा है. हालांकि हर 100 व्यक्ति में से मोबाइल कस्टमर्स की संख्या के मामले में भारत टॉप पांच देशों में सबसे निचले पायदान पर है. 100 व्यक्ति में से केवल 82.2 ही केवल भारत में वायरलेस कस्टमर्स की संख्या है जबकि चीन में 125, रूस में 169, अमेरिका में 110, इंडोनेशिया में 115 हर 100 व्यक्ति पर मोबाइल कस्टमर्स की संख्या है. इन आंकड़ों से साफ है कि भारत के टेलीकॉम बाजार के अभी भी फलने फूलने की पूरी संभावना है.
डेटा खपत में भारत अव्वल
रिपोर्ट के मुताबिक डेटा खपत करने के मामले में पूरी दुनिया में भारत सबसे ऊपर है. स्मार्टफोन्स पर औसतन पांच घंटे लोग डेटा खपत करते हैं. वायरलाइन और वायरलेस को जोड़कर भारत में टेलीकॉम सब्सक्राइबर्स बेस 1.084 बिलियन पर जा पहुंचा है. देश में इंटरनेट कनेक्शन मार्च 2014 में 25.15 करोड़ से बढ़कर मार्च 2023 में 91 करोड़ पर जा पहुंची है. 5जी नेटवर्क सेवा सभी 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में रोलआउट किया जा चुका है.
चुनावों के बाद टैरिफ बढ़ना तय
प्रभुदास लीलाधर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि लोकसभा चुनावों के खत्म होने के बाद 25 फीसदी तक टेलीकॉम टैरिफ में बढ़ोतरी की जा सकती है. इससे पहले नवंबर 2021 में सभी टेलीकॉम ऑपरेटरों ने मोबाइल टैरिफ में बढ़ोतरी की थी.
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