GST Rates: क्या आप जानते हैं केंद्र और राज्य सरकारों को सबसे ज्यादा जीएसटी रेवेन्यू 18 फीसदी स्लैब में आने वाले गुड्स और सर्विसेज से आता है. सरकार ने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में कुल जीएसटी कलेक्शन का 70 से 75 फीसदी रेवेन्यू 18 फीसदी जीएसटी स्लैब से आया है जबकि सबसे कम रेवेन्यू 12 फीसदी जीएसटी स्लैब से आया है और कुल जीएसटी रेवेन्यू में 5 से 6 फीसदी कलेक्शन इस स्लैब से आया है.
संसद में सरकार से सवाल
लोकसभा में प्रश्नकाल में वित्त मंत्रालय से साल 2017 में जीएसटी के लागू होने के बाद से 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी स्लैब रेट से हासिल किए गए जीएसटी रेवेन्यू की जानकारी मांगी गई. लोकसभा सांसद के सुधाकरण ने ऐसे 10 प्रोडक्ट कैटगरी के भी डिटेल मांगे जिससे सबसे ज्यादा जीएसटी रेवेन्यू हासिल हुई है.
18 फीसदी स्लैब से भरता है सरकार का खजाना
इस प्रश्न का लिखित जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि टैक्सपेयर्स के रिटर्न्स से जो डेटा कलेक्ट किया गया है उसमें अलग-अलग टैक्स रेट लगाकर जो जीएसटी वसूली की गई उसे अमाउंट में कैलकुलेट करना बेहद मुश्किल है. उन्होंने कम्पंसेशन सेस और दूसरे पेमेंट को छोड़कर वित्त वर्ष 2023-24 में अलग-अलग जीएसटी स्लैब के तहत जो जीएसटी वसूली की गई है उसके अनुपात की जानकारी देते हुए बताया कि कुल जीएसटी कलेक्शन का 70 से 75 फीसदी हिस्सा 18 फीसदी जीएसटी स्लैब से आया है. इसके बाद 28 फीसदी स्लैब की बारी है जिससे 13 से 15 फीसदी जीएसटी वसूली वित्त वर्ष के दौरान की गई है. 5 फीसदी टैक्स स्लैब का कुल जीएसटी रेवेन्यू में 6-8 फीसदी हिस्सेदारी है. जबकि 12 फीसदी स्लैब के जरिए 5.6 फीसदी रेवेन्यू की वसूली की गई है. वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि प्रोडेक्ट कैटगरी के हिसाब से की गई जीएसटी वसूली का डेटा उपलब्ध नहीं है.
लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी भी 18 फीसदी स्लैब में
लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर लगने वाले जीएसटी रेट में कमी के सवाल पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अगर जीएसटी काउंसिल लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर जीएसटी दर में कमी की सिफारिश करती है, तो पॉलिसीधारकों पर प्रीमियम के भुगतान की लागत में कमी आ सकती है. मौजूदा समय में लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर किए जाने वाले प्रीमियम के भुगतान पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है. जीएसटी काउंसिल की 21 दिसंबर 2024 को होने वाली बैठक जीएसटी रेट्स में कमी करने को लेकर चर्चा की उम्मीद है. वित्त वर्ष 2023-24 में, केंद्र और राज्य सरकारों ने लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से 16,398 करोड़ रुपये जीएसटी वसूली की थी.
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