नई दिल्ली: काफी समय से लाखों सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग कर रहे हैं. बढ़ते दबाव की वजह से, केंद्र ने नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में बदलाव किया है ताकि इसे कर्मचारियों के लिए और ज्यादा अनुकूल बनाया जा सके. 01 जनवरी, 2004 को या उसके बाद केंद्र सरकार की सेवा में आने वाले नए कर्मचारी एनपीएस के तहत आते हैं. केंद्र ने दिसंबर में एनपीएस के तहत अपना योगदान मौजूदा 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया था. अब, वित्त मंत्रालय ने 31 जनवरी की अधिसूचना तिथि के जरिए कुछ बड़े बदलाव किए हैं, जिससे सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा.
सरकारी कर्मचारियों को भी मिलेंगे पेंशन फंड के विकल्प
प्राइवेट सेक्टर में कर्मचारियों को मिलने वाले विकल्प की ही तरह पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को भी कई विकल्पों में से एक पेंशन फंड चुनने का विकल्प मिलेगा, इसमें प्राइवेट पेंशन फंड भी शामिल होगा. पब्लिक सेक्टर फंड का ये प्रावधान मौजूदा और नए सरकारी कर्मचारियों के लिए डिफॉल्ट ऑप्शन के रूप में उपलब्ध होगा.
निवेश को लेकर भी किए गए हैं बदलाव
कर्मचारी इस ऑप्शन को साल में एक बार बदल भी सकते हैं. वो सरकारी कर्मचारी जो जोखिम की न्यूनतम राशि के साथ एक निश्चित रिटर्न पसंद करते हैं, उन्हें 100 फीसदी फंड सरकारी सिक्योरिटी में निवेश करने की सुविधा दी जाएगी. जिन सरकारी कर्मचारियों को ज्यादा रिटर्न चाहिए, उन्हें भी अलग-अलग निवेश के ऑप्शन मिलेंगे.
पेंशन फंड में इन बदलावों से बाजार पर भी असर होने की उम्मीद जताई जा रही है. इसीलिए ये बदलाव अभी केवल वृद्धि संबंधी फंड के लिए ही किए जाएंगे.
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