7th Pay Commission: सातवें वेतन आयोग के तहत सरकारी कर्मचारी अपने सैलरी को कैलकुलेट कर सकते हैं. इसके लिए सरकार ने एक आसान सा पे मैटिक्स टेबल चार्ट बनाया है. इसे वेतन आयोग के तहत पेश किया गया था. बता दें कि छठवें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की बेसिक सैलरी एंट्री लेवल 7 हजार थी, जिसपर 125 फीसदी महंगाई भत्ता मिलता था. सातवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद कर्मचारियों की सैलरी में 14 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है. साथ ही डीए भी दिया जा रहा है.
पे मैट्रिक्स का कर्मचारियों की सैलरी में रोल
पे मैट्रिक्स टेबल केंद्रीय कर्मचारियों के बेसिक सैलरी से लेकर बढ़ोतरी के बारे में पूरी जानकारी देता है. यह एक सिंपल सैलरी स्ट्रक्चर है. इसके तहत पे लेवल बनाए गए हैं, जिससे सैलरी कैलकुलेट करने में आसानी होती है. पे मैट्रिक्स टेबल के तहत पांच सैलरी लेवल बनाए गए हैं.
- पहले पे लेवल के तहत 18000 रुपये 56 हजार 900 रुपये
- दूसरे पे लेवल के तहत 19,900 से 63,200 रुपये
- तीसरे पे लेवल में 21,700 रुपये से लेकर 69,100 रुपये तक
- चौथे पे लेवल में 25,500 रुपये से 81,100 रुपये
- पांचवे पे लेवल में 29,900 रुपये से 92,200 रुपये
पे मैट्रिक्स टेबल क्या है
पे मैट्रिक्स चार्ट सरकारी कर्मचारियों की सैलरी को दिखाता है. पे लेवल के अनुसार इनकी सैलरी को डिवाइड किया गया है. पे मैट्रिक्स का यूज करके अपने लेवल और सैलरी बढ़ोतरी की गणना कर सकते हैं. सातवें वेतन आयोग के तहत सभी कर्मचारी इस पे मैट्रिक्स की मदद से अपनी सैलरी की गणना कर सकते हैं. सातवें वेतन आयोग के तहत पे लेवल की न्यूनतम सीमा 18 हजार रुपये है, जिसका मतलब है कि इससे कम किसी भी कर्मचारी की सैलरी नहीं होगी.
सातवें वेतन आयोग के तहत कैसे कैलकुलेट होती है सैलरी
सातवें वेतन आयोग को 1 जनवरी 2016 को लागू किया गया था, जिससे कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर या बेसिक सैलरी 2.57 गुना बढ़ी थी. बेसिक सैलरी के आधार पर ही सरकारी कर्मचारियों की सैलरी को कैलकुलेट किया जाता है. कुल बेसिक सैलरी + DA + HRA + ट्रेवेल अकाउंस + अन्य भत्ता को जोड़कर कुल मंथली सैलरी दी जाती है.
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