7th Pay Commission: पश्चिम बंगाल के सरकारी कर्मचारियों के DA हाइक के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 24 अप्रैल को
7th Pay Commission: पश्चिम बंगाल सरकार कह चुकी है कि उसके लिए 7वें वित्त आयोग के मुताबिक वेतन और महंगाई भत्ता देना मुश्किल है.
7th Pay Commission: पश्चिम बंगाल (West Bengal) के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को 7वें वित्त आयोग यानी 7Th Pay Commission के लिहाज से महंगाई भत्ता Dearness Allowance) के लिए सुप्रीम (Supreme Court) कोर्ट में याचिका पर सुनवाई हुई है. इस मामले में अगली सुनवाई 24 अप्रैल यानी सोमवार को होगी. उधर, राजधानी के जंतर मंतर पर डीए बढ़ोतरी को लेकर धरना चल रहा है. केंद्र सरकार की दर से डीए बकाया के अलावा अस्थाई कर्मियों को नियमित करने और रिक्त पदों पर पारदर्शी तरीके से भर्ती की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी हैं.
डीए बढ़ाने की मांग को लेकर हो रहा है आंदोलन
आंदोलनकारियों का कहना था कि इतने कम समय में अध्यक्ष से मिलने का समय मिलना संभव नहीं है इसलिए प्रतिनियुक्ति ई-मेल से दी जाएगी. आंदोलनकारियों की आज प्रतिनियुक्ति उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ को सौंपी जानी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बाहर होने से उनके मंत्रालय की भी प्रतिनियुक्ति की जाएगी. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान कर्नाटक में हैं, लेकिन केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार आज जंतर-मंतर पर धरने के लिए आने वाले हैं.
हाईकोर्ट में क्या हुआ है
इस बीच हाईकोर्ट पहले ही डीए के मुद्दे पर कार्रवाई कर चुका है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की बेंच ने राज्य को 17 अप्रैल तक कार्यकर्ताओं से बातचीत करने का निर्देश दिया है. कोर्ट के आदेश के मुताबिक कर्मचारी संगठन की ओर से तीन लोग सरकार से बातचीत करेंगे.
हाई कोर्ट ने दी सलाह
मुख्य सचिव, वित्त सचिव सहित जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को सकारात्मक समाधान निकालने के लिए कर्मचारी संगठन से बात करनी चाहिए. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणम ने राज्य को निर्देश दिया. हाई कोर्ट की सलाह इस पर रही कि, 'कर्मचारी बार-बार हड़ताल पर जा रहे हैं। सरकारी कार्रवाई की जरूरत है.'
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