8th Pay Commission: 8वां वित्त आयोग आने का इंतजार कर रहे लोगों के लिए ये जानकारी खबर भी है और झटका भी. लंबे समय से 8वें वित्त आयोग के गठन करने से जुड़ी खबरें सामने आ रही हैं लेकिन सरकार ने सच्चाई बताई है कि इस दिशा में कितना काम हो चुका है. राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन और जावेद अली खान ने वित्त मंत्री से आठवें वेतन आयोग के गठन को लेकर सवाल पूछे. उन्होंने वित्त मंत्री से सवाल किया जिसके जवाब में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने संसद में बता दिया है कि केंद्र सरकार के सामने 8वें वित्त आयोग के लिए फिलहाल कोई प्रस्ताव विचार के लिए सामने नहीं है. सिर्फ 2 अभ्यादेन सरकार को मिले हैं.
संसद में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी का आधिकारिक जवाब जानिए
"सरकार को 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन के लिए दो अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं, लेकिन ऐसा कोई प्रस्ताव फिलहाल विचाराधीन नहीं है." राज्यसभा में प्रश्नकाल में पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार ने साफ-साफ कहा कि आठवें वेतन आयोग के गठन से जुड़ा कोई भी प्रस्ताव उसके सामने विचाराधीन नहीं है. दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन किए जाने से इंकार कर दिया है. मोदी सरकार पहले भी कई बार संसद में कह चुकी है केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन बढ़ाने को लेकर 8वें वेतन आयोग का गठन किए जाने का सरकार के सामने कोई प्रस्ताव नहीं है.
कब से लागू होना है 8वां वेतन आयोग
1 जनवरी 2026 से 8वां वित्त आयोग या 8 पे कमीशन लागू होना है. हर 10 साल में सरकार नया वेतन आयोग का गठन करके इसे लागू करती है. 7वें वेतन आयोग का गठन फरवरी 2014 में हुआ था जबकि इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गईं थीं. इसी आधार पर 8वें वित्त आयोग की सिफारिशें लागू करने के लिए 1 जनवरी 2026 की तारीख तय मानी गई है.
सरकार के सामने लगातार रखी जा रही हैं मांगें
रेलवे कर्मचारियों के फेडरेशन एआईआरएफ ने 8वें वेतन आयोग के गठन किए जाने की मांग रखी थी. फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के वेतन बढ़ाने जाने को लेकर फेडरेशन की ओर से 8वें वेतन आयोग की मांग पर कैबिनेट सचिव को पत्र भी लिखा गया है.
इससे पहले मार्च महीने में डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग ने वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर को इंडियन रेलवे टेक्निकल सुपरवाइजर्स एसोसिएशन के 8वें वेतन आयोग के गठन करने वाली मांग से जुड़ी चिठ्ठी को फॉरवर्ड किया है और उसपर विचार करने को कहा है.
7वें वेतन आयोग की ये थी टाइमलाइन
- 28 फरवरी 2014 को जस्टिस अशोक कुमार माथुर की अध्यक्षता में 7वें वेतन आयोग का गठन हुआ था.
- आयोग ने नवंबर 2015 में सिफारिशें सरकार को सौंपी थीं
- केंद्रीय कैबिनेट ने 29 जून 2016 को वेतन और पेंशन पर वेतन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था.
- इसमें सबसे निचले स्तर के कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये प्रति माह तय किया गया था जो कि पहले 7000 रुपये पर था.
- 7वें वेतन आयोग में 2.57 गुना फिटमेंट फैक्टर रखा गया था जिससे न्यूनतम सैलरी या वेतन/पेंशन में 14.3 फीसदी (14.29%) की बढ़ोतरी हुई थी.
8वें वेतन आयोग में कितनी हो जाएगी मिनिमम सैलरी
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 3.68 गुना हो सकता है. अगर ऐसा हुआ मूल वेतन 8000 रुपये बढ़ जाएगा जिसके बाद सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 26,000 रुपये हो जाएगा. 8वें वेतन आयोग के गठन से लगभग 49 लाख सरकारी कर्मचारी और 68 लाख पेंशनभोगी यानी कुल मिलाकर 1 करोड़ से ज्यादा लोग फायदा ले पाएंगे.
वेतन आयोग का आपको क्या है फायदा
सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले मेहनताने को संशोधित करने के लिए आमतौर पर वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक केंद्र सरकार फैसला लेती है. वेतन आयोग को अपनी रिपोर्ट और सिफारिशें जमा करने के लिए 18 महीने का समय दिया जाता है. वेतन आयोग, केंद्रीय कर्मचारियों, ऑल इंडिया सर्विसेज, केंद्र शासित प्रदेश, इंडियन ऑडिट अकाउंट्स डिपार्टमेंट से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी, रेग्यूलेटरी अथॉरिटी से जुड़े कर्मचारी अधिकारी, सुप्रीम कोर्ट के अधिकारी कर्मचारी और डिफेंस फोर्सेज से जुड़े पर्सनल के वेतन, भत्तों, रैंक स्ट्रक्चर और पेंशन को लेकर अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपती है.
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