आधार (Aadhaar) आज के समय में कई काम के लिए जरूरी हो गया है. इससे कई जरूरी काम आसान हो गए हैं और सरकार के लिए भी यह काफी मददगार साबित हुआ है. सरकार को तो सुरक्षा बढ़ाने और भ्रष्टाचार कम करने में भी आधार से मदद मिली है. यही कारण है इसका इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है. अब कॉरपोरेट जगत से जुड़े लोगों को भी हर कदम पर आधार की जरूरत पड़ सकती है. सरकार कॉरपोरेट फाइलिंग के लिए आधार को जरूरी बनाने की तैयारी में है.


ऐसे करना होगा वेरिफिकेशन


सरकार की योजना है कि डेजिग्नेटेड डाइरेक्टर्स और विधायी दस्तावेजों की फाइलिंग का काम करने वाले कंपनी सेक्रेटरी जैसे पेशेवरों के लिए आधार बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन को अनिवार्य बनाया जाए, ताकि विधायी दस्तावेजों की फाइलिंग को ज्यादा सुरक्षित बनाया जा सके और साथ ही लोगों की जवाबदेही तय हो सके.


इन लोगों के लिए बदलाव


मिंट की एक खबर में मामले से जुड़े लोगों के हवाले से बताया गया है कि यह शर्त उन लोगों पर लागू होगी, जो एमसीए21 वेबसाइट (Ministry Of Corporate Affairs) पर बिजनेस यूजर के रूप में रजिस्टर्ड हैं तथा जिनके पास कंपनी की ओर से दस्तावेज व अन्य फॉर्म फाइल करने का अधिकार है. खबर में यह भी दावा किया गया है कि एक बार जब वेबसाइट के अपग्रेडेशन का काम पूरा हो जाएगा, तब बदलाव पर अमल हो सकता है.


सिस्टम हो रहा है अपग्रेड


अभी विधायी फाइलिंग प्रणाली के अपग्रेडेशन का काम चल रहा है. वेबसाइट का जारी यह अपग्रेड इस साल पूरा हो सकता है. इसका उद्देश्य फाइलिंग करने वालों के लिए ऑथेंटिकेशन की जरूरतों को कड़ा बनाना है. इसके लिए पहले से केवाईसी वेरिफिकेशन की प्रक्रिया लागू है.


बदलाव से होंगे ये काम


केवाईसी वेरिफिकेशन की प्रक्रिया यूनिक डिजिटल सिग्नेचर, परमानेंट अकाउंट नंबर यानी पैन अथवा डाइरेक्टर आइडेंटिफिकेशन नंबर्स यानी डिन पर आधारित होता है. अभी फाइलिंग करने वालों के लिए यह अनिवार्य है. अब इसके लिए आधार ऑथेंटिकेशन को जरूरी बनाने की योजना पर काम चल रहा है. इससे फाइलिंग की सुरक्षा तो बढ़ेगी ही, फाइलिंग की प्रक्रिया भी आसान होने की उम्मीद है.


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