EPFO News: ईपीएफओ का बड़ा फैसला, जन्म तिथि के प्रमाण के लिए आधार अब मान्य नहीं
EPFO: यूआईडीएआई ने एक सर्कुलर में कहा था कि आधार नंबर का इस्तेमाल सत्यापन के बाद किसी व्यक्ति की पहचान स्थापित करने के लिए किया जा सकता है पर ये जन्म तिथि का प्रमाण नहीं है.
EPFO Update: रिटायरमेंट फंड बॉडी एम्पलॉय प्राविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (EPFO) ने कहा है कि यूआईडीएआई (UIDAI) की ओर से जारी किये जाने वाला आधार को अब जन्म तिथि के प्रमाण के लिए वैध दस्तावेज नहीं माना जाएगा. 16 जनवरी 2024 को एक सर्कुलर जारी कर ईपीएफओ ने कहा कि यूआईडीएआई (Unique Identification Authority of India ) की ओर से दिशा निर्देश दिये जाने के बाद आधार को वैध दस्तावेजों की सूची से हटाने का फैसला लिया गया है.
ईपीएफओ की ओर से जारी किए गए सर्कुलर के मुताबिक ईपीएफओ से संबंधित कामकाज के दौरान जन्मतिथि में सुधार के लिए भी आधार को वैध दस्तावेजों की सूची से हटाया जा रहा है. यूआईडीएआई ने 22 दिसंबर, 2023 को एक सर्कुलर में कहा था कि आधार नंबर का इस्तेमाल सत्यापन के बाद किसी व्यक्ति की पहचान स्थापित करने के लिए किया जा सकता है पर ये जन्म तिथि (Date of Birth) का प्रमाण नहीं है.
यूआईडीएआई ने यह भी कहा था कि ईपीएफओ जैसे कई संस्थाएं जन्मतिथि को सत्यापित करने के लिए आधार का उपयोग कर रहे हैं. उसने कई उच्च न्यायालयों के आदेशों का संदर्भ देते हुए कहा था कि आधार जन्म तिथि का वैध प्रमाण नहीं है. जन्म तिथि के लिए वैध प्रमाण के रूप में जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रार से जारी होने वाला जन्म प्रमाण पत्र, किसी मान्यता प्राप्त सरकारी बोर्ड या विश्वविद्यालय द्वारा जारी अंकपत्र, पैन (Permanent Account Number) कार्ड जैसे दस्तावेजों का इस्तेमाल किया जाता है.
ईपीएफओ के मुताबिक अगर सिविल सर्जन ने ऐसा कोई मेडिकल प्रमाण पत्र जारी किया है, जिसमें जन्म तिथि अंकित है, तो उसे भी ईपीएफओ मान्यता देगा. 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड को लेकर एक फैसला सुनाया था. कोर्ट ने कहा था कि आधार कार्ड का इस्तेमाल कहां कहां पर किया जा सकता है. तब कोर्ट ने कहा था कि बैंक अकाउंट और मोबाइल नंबर को आधार से जोड़ने की कोई जरूरत नहीं है.
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