नई दिल्लीः कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने 50 लाख पेंशनभोगियों और करीब 4 करोड़ अंशधारकों के लिए इस महीने यानी जनवरी के आखिर तक आधार संख्या उपलब्ध कराना अनिवार्य कर दिया है. जिन अंशधारकों या पेंशनभोगियों के पास आधार नहीं है, उन्हें महीने के आखिर तक सबूत देना होगा कि उन्होंने इसके लिए आवेदन कर दिया है. कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस), 1995 के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए पेंशनरों और इसके मौजूदा सदस्यों के लिए आधार कार्ड प्रस्तुत करना अब अनिवार्य कर दिया गया है. इसके अलावा ईपीएफओ ने ‘माफी योजना’ चालू की है जिसके तहत फर्में एक रुपये के जुर्माने के साथ कर्मचारियों के नाम ईपीएफओ में रजिस्टर करवा सकेंगी.


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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने करीब चार करोड़ सदस्यों और 50 लाख पेंशनरों के लिए आधार नंबर अनिवार्य कर दिया है. सदस्यों और पेंशनरों को एक महीने के भीतर आधार नंबर देना होगा या फिर आधार के लिए आवेदन करने का प्रमाण देना होगा. जिन अंशधारकों या पेंशनभोगियों के पास आधार नहीं है, उन्हें माह के अंत तक यह सबूत देना होगा कि उन्होंने इसके लिये आवेदन कर दिया है. हालांकि इसका फायदा वो लोग भी उठा पाएंगे जिन्होंने खुद को आधार कार्ड के लिए एनरोल्ड तो करा दिया है लेकिन उन्हें अभी आधार कार्ड मिला नहीं है, वो अपनी आधार आईडी दिखाकर ऐसा कर सकते हैं.
अगर आप चाहते हैं कि आपको संगठन की ओर से सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिलता रहे तो यह जरूर करवा लें.


इसके अलावा वो सदस्य और पेंशनर जिन्होंने अभी तक खुद को आधार नंबर के लिए एनरोल्ड नहीं कराया है, उन्हें हर हाल में 31 जनवरी 2017 से पहले अपने नजदीकी एनरोलमेंट सेंटर जाकर खुद को एनरोल्ड करवाना होगा. किसी सूरत में अगर अगर आपके आस-पास एनरोलमेंट सेंटर नहीं है तो ईपीएफओ के लिए यह जरूरी है कि वो उक्त स्थान पर एनरोलमेंट फैसिलिटी उपलब्ध करवाए.


ईपीएफओ के केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त वीपी जॉय ने कहा कि फिलहाल पेंशनभोगियों के साथ-साथ अंशधारकों को आधार या पंजीकरण प्रति 31 जनवरी, 2017 तक उपलब्ध कराना होगा. यह ईपीएफओ द्वारा उपलब्ध सेवाएं हासिल करने के लिए जरूरी है.' जॉय ने कहा, 'हम माह के अंत में स्थिति की समीक्षा करेंगे और अंशधारकों और पेंशनभोगियों को 12 अंकों वाला आधार संख्या देने के लिए कुछ और समय दे सकते हैं.'


ईपीएफओ ने पूरे देश में सभी 120 फील्ड ऑफिसों को इस अभियान का प्रचार करने का निर्देश दिया ताकि सेवायोजकों के बीच जागरूकता लाई जा सके. हर महीने केंद्र सरकार सभी सदस्यों के पेंशन खाते में 1.16 फीसद अंशदान देती है जबकि 8.33 फीसद अंशदान सदस्यों को करना होता है.