आधार पे की हुई शुरुआत, ना एमडीआर, ना ही सर्विस चार्ज का झंझट
नई दिल्लीः अंगूठा दिखाइए और खरीदारी कीजिए, और तो और इसके लिए आपके पास किसी भी तरह का मोबाइल हैंडसेट होना भी जरुरी नहीं, बस आपको अपना आधार नंबर याद रहना चाहिए और ये नंबर आपके बैंक खाते से जुड़ा होना चाहिए.
निजी बैंक आईडीएफसी बैंक ने देश का पहला आधार पे लांच किया है, इसके जरिए किसी भी बैंक के अपने बचत खाते से खरीदारी के लिए भुगतान कर सकते हैं, एक बात और इसके लिए आपको किसी भी तरह का सर्विस चार्ज या व्यापारी को मर्चेंट डिस्काउंट रेट यानी एमडीआर नहीं चुकाना होगा, आईडीएफसी बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एक्जिक्यूटिव ऑफिसर राजीव लाल का कहना है कि अगले 36 महीनों में उनकी योजना कम से कम एक लाख व्यापारियों को नयी भुगतान व्यवस्था पर लाना है, और हां, छोटे व्यापारी से यहां मतलब आपके पड़ोस के किराने के दुकान से है,
नयी व्यवस्था कैसे काम करेगी? इसके लिए ग्राहक यानी आपको अपना आधार नंबर याद होना चाहिए, वहीं दुकानदार के पास एक स्मार्टफोन होना चाहिए, इस स्मार्टफोन पर आईडीएफसी बैंक का विशेष एप डाउनलोड किया जाएगा, साथ ही फोन को एक छोटे से बॉयोमैट्रिक सेंसर से जोड़ा जाएगा, आपको जब भुगतान करना है तो दुकानदार के मोबाइल फोन पर अपना आधार नंबर और सामान की कीमत पंच करने होंगे,, इसके बाद सेंसर पर अपना अपना अंगूठा लगाना होगा, इसी के सहारे आपकी पहचान साबित होगी और जैसे ही ऐसा होगा, भुगतान पूरा हो जाएगा, भुगतान पूरा होते ही आपके मोबाइल नंबर पर सूचना आ जाएगी कि तय राशि आपके बैंक खाते से निकाली गयी है,
राजीव लाल का कहना है कि सुविधा का इस्तेमाल करने वाले ग्राहक का आईडीएफसी बैंक में खाता होना जरुरी नहीं है, लेकिन व्यापारी का खाता होना चाहुिए, ग्राहक के खाते से पैसा व्यापारी के खाते में पहुच जाएगा और जब व्यापारी पैसा निकालना चाहे तो उसे कोई पैसा नहीं देना होगा, मतलब ये कि ना तो ग्राहक को कोई पैसा देना है और ना ही व्यापारियों के मर्चेंट डिस्काउंट रेट यानी एमडीआर के रुप में पैसे कटेंगे, और तो और बॉयोमेट्रिक सेंसर के लिए कोई पैसा भी व्यापारी को नहीं चुकाना होगा, ध्यान रहे कि एक सेंसर की औसत कीमत करीब 2000 रुपये पड़ती है और ये सेंसर मुफ्त में आईडीएफसी बैंक मुहैया कराएगा,
अब सवाल ये है कि जब सबकुछ मुफ्त है तो फिर बैंक की कमाई कहां से होगी? बैंक का कहना है कि छोटे दुकानदार उनके लिए नए ग्राहक बनाने का काम करेंगे जबकि बैक ये काम खुद करें तो उस पर तय खर्च आता है, ये जो खर्च बचेगा, उसी के सहारे नयी भुगतान व्यवस्था चलायी जा सकेगी, सरकार को उम्मीद है कि आईडीएफसी बैंक के बाद बाकी दूसरी बैंक भी आधार पे की सुविधा शुरु करेंगे,
आधार नंबर जारी करने वाली संस्था यूआईडी के सीईओ अजय पांडेय का कहना है कि 12 अंकों वाला विशिष्ट पहचान आधार पूरी तरह से सुरक्षित है, लिहाजा इसका इस्तेमाल कर भुगतान करने में किसी तरह का डर नहीं होना चाहिए, अब तक 112 करोड़़ आधार जारी किए जा चुके हैं और करीब-करीब सभी व्यस्कों के पास आधार है, देश के करीब 50 करोड़ बैंक खातों को आधार से जोड़ा जा चुका है, ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि हर दूसरा व्यस्क आधार आधारित भुगतान व्यवस्था का इस्तेमाल कर सकता है,
आईडीएफसी बैंक ने आधार पे को लेकर तीन महीने पहले पायलट परियोजना शुरु की थी, 16 राज्यों के 1500 दुकानदारों के यहां पायलट योजना कामयाब रही जिसके बाद ही आधार पे औपचारिक तौर पर लांच की गयी है, इस समय एक बार में आधार पे के जरिए 10 हजार रुपये तक खरीदारी की जा सकती है, लेकिन इस बारे में संबंधित बैंक और ग्राहक के बीच हुए समझौते के आधार पर रकम तय होगी.