पिछले कुछ साल के दौरान देश में कई कोऑपरेटिव बैंक संकट का शिकार हुए हैं. इस लिस्ट में हाल ही में नाम जुड़ा है महाराष्ट्र के अभ्युदय कोऑपरेटिव बैंक का, जिसके ऊपर रिजर्व बैंक ने एक्शन लिया है. सेंट्रल बैंक ने कोऑपरेटिव की बिगड़ती स्थिति के मद्देनजर उसके बोर्ड को सुपरसीड कर दिया है. आइए जानते हैं कि यह कोऑपरेटिव बैंक किस तरह से संकट का शिकार हुआ है.
इस तरह से बढ़ा विलफुल डिफॉल्ट
ट्रांस यूनियन सिबिल के डेटा के अनुसार, एक साल के दौरान अभ्युदय कोऑपरेटिव बैंक के विलफुल डिफॉल्ट में 3 गुने की बढ़ोतरी देखी गई. 31 अक्टूबर 2022 को मुंबई स्थित अभ्युदय कोऑपरेटिव बैंक का टोटल विलफुल डिफॉल्ट 132 करोड़ रुपये का था, जो साल भर में बढ़कर 416 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. बताया जा रहा है कि अभ्युदय कोऑपरेटिव बैंक के संकट में फंसने का एक बड़ा कारण विलफुल डिफॉल्ट में आई यह तेजी है.
किसे कहते हैं विलफुल डिफॉल्ट
विलफुल डिफॉल्ट उन मामलों को कहा जाता है, जिनमें कर्जदार कर्ज की किस्तों का पुनर्भुगतान करने में सक्षम होने के बाद भी किस्तें नहीं चुकाता है. दूसरे शब्दों में कहें तो जानबूझकर किए जाने वाले डिफॉल्ट को विलफुल डिफॉल्ट कहते हैं. अभ्युदय कोऑपरेटिव बैंक के विलफुल डिफॉल्ट का ये आंकड़ा उन अकाउंट का है, जिनमें बकाया 25 लाख रुपये या उससे ज्यादा है और जिनमें बैंक ने लीगल एक्शन लिया है.
इस तरह खराब हुई पूंजी की गुणवत्ता
विलफुल डिफॉल्ट की रकम के साथ-साथ डिफॉल्ट करने वालों यानी विलफुल डिफॉल्टरों की संख्या में भी करीब तीन गुने की तेजी आई है. अक्टूबर 2022 में जहां ऐसे डिफॉल्टरों की संख्या महज 9 थी, साल भर में वह बढ़कर 24 पर पहुंच गई. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान अभ्युदय कोऑपरेटिव बैंक के कैपिटल एडीकेसी रेशियो में भी गिरावट आई. यह वित्त वर्ष 2019-20 में 12.6 फीसदी था, जो कम होकर 2020-21 में 12.01 फीसदी पर और 2021-22 में 9.02 फीसदी पर आ गया.
रिजर्व बैंक ने नवंबर में लिया एक्शन
संकट को देखते हुए रिजर्व बैंक ने पिछले महीने अभ्युदय कोऑपरेटिव बैंक के बोर्ड को अगले एक साल के लिए सुपरसीड किया. उस समय रिजर्व बैंक ने बताया था कि उसने गंभीर चिंताओं की वजह से अभ्युदय कोऑपरेटिव बैंक के बोर्ड को सुपरसीड करने का फैसला लिया है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक सत्य प्रकाश पाठक को अभ्युदय कोऑपरेटिव बैंक का एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया गया है. उनके अलावा एक कमिटी ऑफ एडवाइजर्स की भी नियुक्ति की गई है, जिसका काम एडमिनिस्ट्रेटर को उनके काम में सहयोग करना है.
ये भी पढ़ें: अचानक पड़ी पैसों की जरूरत तो ऐसे मिल सकती है मदद, घर बैठे निकाल सकते हैं पीएफ का पैसा!