ABP Ideas of India: कोरोना महामारी के चलते घरों की मांग में आई जबरदस्त तेजी, रियल एस्टेट सेक्टर में आया बूम
ABP Ideas of India: प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि, चीन हांगकांग में 12 से 18 महीने का वक्त घर बनाने में लगता है जबकि भारत में चार साल लगते हैं. जिसे कम करने की जरुरत है.
Ideas of India: ABP Ideas of India के समिट में एक पैनल डिस्कशन में MCNROE CONSUMER PRODUCTS के बिजनेस डेवलपमेंट हेड अंकित डागा, ओजोन इंडिया के प्रेसीडेंट-स्ट्रैटजी अमिषेक अग्रवाल और सिंगनेचर ग्लोबल ग्रुप के चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने भाग लिया. प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि कोरोना महामारी ने रियल एस्टेट सेक्टर में जान डाल दिया. जो किराये के मकान में थे जैसे कोरोना के बाद पहली बार अनलॉक हुआ लोग ऐसे घर खरीद रहे थे जैसे दोबारा मिलेगा या नहीं. लोग समझ चुके थे छोटा हो या बड़ा एक घर जरुर होना चाहिए.
रियल एस्टेट सकंट से आया बाहर
प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि, पिछले छह सात साल पहले रियल एस्टेट सेक्टर बदनाम हो चुका था. होम बायर को घर नहीं मिले. तब सरकार ने फैसला लिया, ऐसी पॉलिसी बनाई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाउसिंग फॉर ऑल पॉलिसी का ऐलान किया पीएम आवास योजना जैसे योजना तैय़ार हुई. हाउसिंग सेक्टर के लिए रेग्युलेटर को तैयार किया गया. एक बेहतर इकोसिस्टम तैयार हुआ तो इंडस्ट्री अपने आप चलने लगा. आज की तारीख में अफॉर्डेबल हाउसिंग से नौकरियां मिल रही हैं, वहीं लोगों को सस्ते दाम पर घर मिल रहे हैं. रियल एस्टेट काफी ज्यादा एडवांस हो चुका है.
प्रदीप अग्रवाल के मुताबिक अफोर्डेबल हाउसिंग ऐसा सेगमेंट है जिससे रोजगार के अवसर तैयार हो रहे तो कॉमन मैन को घर मिल रहा है. सप्लायर्स को फायदा हो रहा है. लेकिन भारत में ऐसी टेक्नोलॉजी लाना होगा जिससे जल्दी घर बन सके. 2020 तक 6 करोड़ घर की जरुरत है इसके लिए तकनीक की जरुरत होगी. चीन हांगकांग में 12 से 18 महीने का वक्त घर बनाने में लगता है जबकि भारत में चार साल लगते हैं. जिसे कम करने की जरुरत है.
ब्रांड इंडिया पर करना होगा भरोसा
ओजोन के अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि उनके पिता इंजीनियरिंग गुड्स के डिस्ट्रीब्यूटर बनना चाहते थे. लेकिन आज ओजोन के लिए जर्मनी खुद सबसे बड़ा एक्सपोर्ट मार्केट है. उन्होंने कहा कि भारत केवल अपने लेबर के लिए ही नहीं बल्कि भारत अपनी टेक्नोलॉजी के लिए भी जाना जाता है. अभिषेक अग्रवाल ने इंडियन और वेस्टर्न ब्रांड्स को लेकर कहा कि, इंडियन ब्रांड्स की ताकत दुनियाभर में फैल रही है. हालांकि कई लोग इंडियन मैन्युफैक्चरर्स की क्वालिटी पर भरोसा नहीं करते हैं. ये माना जाता है कि अगर ये भारत में बना है तो क्वालिटी हाई नहीं होगी, लेकिन हमें ब्रांड इंडिया पर भरोसा करना होगा, ऐसा नहीं है कि विदेशी कंपनी है तो उसका ही सब कुछ सही होगा.
तेजी से काम करना आज की जरूरत
अंकित डागा ने कहा कि कोरोना ने लोगों को बहुत कुछ सिखाया है. जो लोग मेट्रो शहरों में रह रहे थे. वे अपने घर गए तो उनको बहुत कुछ जानने का मौका मिला. अब वे तय कर रहे हैं वो किस प्रकार का जीवन जीना चाहते हैं किस प्रकार का काम करना चाहते हैं. अंकित डागा का कहना है कि इस समय कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए तेजी से काम करना ज्यादा जरूरी हो चला है. भारत के लोगों और भारत के लिए ट्रेड के मोर्चे पर काफी भरोसा आया है और इसकी बड़ी वजह ब्रांड्स की कई मायनों में मार्केटिंग भी है. इसमें सोशल मीडिया भी शामिल है.
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