Ideas of India: Oyo के फाउंडर और ग्रुप सीईओ रितेश अग्रवाल ABP Ideas of India के समिट के दूसरे दिन मंच पर आये. ओयो के फाउंडर और ग्रुप सीईओ रितेश अग्रवाल ने बीते चार हफ्तों के डाटा के मुताबिक लोग खुब ट्रैवल कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि ओयो रूम्स की सर्विसेज इस आधार पर तय की गईं कि लोगों को जरूरत के समय होटल में कमरा मिल सके और मेरे सामने आए डेटा के मुताबिक ओयो रूम्स की बुकिंग मंदिरों वाले शहरों में हाल के दिनों में सबसे ज्यादा रही है.
19 साल के उम्र में शुरू किया Oyo
रितेश अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने 19 साल की उम्र में Oyo को शुरू किया था. मेरी शुरुआत ओडिशा के रायगड़ से हुई है जहां का नाम भी कई लोगों ने नहीं सुना था. मुझे पता नही था कि ये कारोबार करना कितना मुश्किल था वर्ना मैं ये काम ही नहीं शुरू करता. उन्होंने 2012 में कंपनी शुरू की और कम से कम संसाधनों के साथ काम किया है. तब 6 महीने में दो होटल के काम चलाया. उन्होंने बताया कि ऐसा भी समय आया है जब मैंने हफ्ते के आधार पर सर्वाइवल का चैलेंज फेस किया है. मैंने अपने कारोबार को शुरू करने के दौरान देखा कि देश में कारोबार करना कितना मुश्किल है. 2013 में मैं भारत आया और इस कारोबार को शुरू किया.
कोरोना को बनाया अवसर
Oyo के फाउंडर रितेश अग्रवाल ने बताया कि 2018 तक ओयो केवल भारत में था. 2019 में हम दुनिया के अन्य देशों में पहुंचे. 2020 में कोरोना आया तो हमने इसे चुनौती और अवसर के तौर पर देखा. अप्रैल 2020 में ट्रैवल बंद हो गया. हमने बहुत मुश्किल के दिन देखे. लेकिन कोरोना को ध्यान में रखते हुए ये तय किया गया कि हम इनोवेशन, केयर, कॉस्ट, कॉमिपिटेंसी पर फोकस किया. रितेश ने बताया कि, पहले कॉल सेंटर था तो कस्टमर की शिकायत रहती थी काफी समय फोन कॉल पर इंतजार करना पड़ता है. तो कोरोना के दौरान डिमांड नहीं थी तो टेक्नोलॉजी पर निवेश किया. बॉट्स लगाये जिसके बाद अब 30 सेंकेड में कस्टमर को सर्विस मिल जाता है. खर्च में कमी आई. हमने होटल्स के कमीशन कम किए. वंदे भारत एयरलाइंस सेवा जब शुरू हुई तो विदेशों से लोग आ रहे थे तो उन्हें Quarantine में रहने पड़ा वो हमारे होटल में रुके और वे हमारे सर्विस से इतने खुश हुए कि हमारे कस्टमर बन गए हैं.
Oyo का इस्तेमाल बढ़ा
ओयो के रितेश अग्रवाल ने कहा कि ओयो के इस्तेमाल का तरीका बदल गया है और अब घरों के कई काम के लिए भी जब जगह की जरूरत होती है तो लोग ओयो रूम्स का यूज करते हैं जैसे कि गृह प्रवेश, शादी या घरों में पेंटिंग का काम हो तो इसके लिए भी ओयो के रूम इस्तेमाल किए जाते हैं. यानी केवल इसका इस्तेमाल वैसा नहीं होता जैसा कि कुछ लोगों को लगता है.
रितेश अग्रवाल ने बताया कि हमारे 40 फीसदी ग्राहक ऐसे हैं जो कारोबार के लिए किसी शहर के लिए आते हैं और रात का आराम ओयो रूम में करके अगले दिन वापस चले जाते हैं. ऐसे लोग पहले सुबह सामान खरीदने के बाद रात को ट्रेन का सफर करके वापस जाते थे लेकिन इस स्थिति में अब बदलाव आया है और लोग रात को आराम करने के लिए ओयो रूम्स का इस्तेमाल करते हैं और दिन में खरीदारी कर लेते हैं. इस तरह देखा जाए तो उनके लिए कई तरह से बदलाव आया है जो अच्छा है.
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