नई दिल्लीः रिसर्च फर्म गार्टनर ने दावा किया है कि ऑनलाइन शॉपिंग की लत लोगों में इस कदर बढ़ जाएगी कि 2024 तक वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी (डब्लूएचओ) इसे एक बीमारी घोषित कर देगा. इसके अलावा इसी फर्म की रिसर्च में ये दावा किया गया है कि 2022 तक ऑनलाइन शॉपिंग में हर साल 10 फीसदी की बढ़त होगी.
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ऑनलाइन शॉपिंग में साल दर साल बेतहाशा इजाफा होता जा रहा है और सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में ऐसा ट्रेंड देखा जा रहा है. ऑनलाइन शॉपिंग कराने वाली फर्मों की स्ट्रेटेजी है कि लोगों को ज्यादा से ज्यादा ई-शॉपिंग के लिए आकर्षित किया जाए. इसके लिए वो काफी आकर्षक डिस्काउंट देती हैं और लोगों को उनकी जरूरतों से भी ज्यादा शॉपिंग करने के लिए उकसाती हैं.
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ऑनलाइन शॉपिंग में तेजी आने के बाद लोगों पर आर्थिक संकट भी बढ़ेगा क्योंकि ये लोगों को उनकी जरूरत से ज्यादा खरीदारी करने के लिए प्रेरित करती हैं. इसके अलावा जरूरत से ज्यादा खरीदारी करने पर लोगों के सामने आर्थिक संकट भी पैदा हो सकता है क्योंकि वो क्रेडिट कार्ड पर शॉपिंग करते हैं और अपना बजट भी बिगाड़ लेते हैं.
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