Future Retail Bid: अंबानी-अडानी की कंपनियों समेत 55 लोगों ने फ्यूचर रिटेल को खरीदने में दिखाई रुचि, जानें क्या है अपडेट
Future Retail Bid: कॉर्पोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया के तहत किशोर बियानी की फ्यूचर रिटेल की बिडिंग होगी और इसके लिए रेस में 55 कंपनियां आ रही हैं.
Future Retail Bid: एक तरफ जहां किशोर बियानी की फ्यूचर रिटेल बिकने के लिए मार्केट में है. वहीं मार्केट में इसे खरीदने के लिए कई उद्योगपति अपनी रुचि दिखा रहे हैं. कॉर्पोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया ने इसके लिए बिडर्स की लिस्ट जारी कर दी है. जिनमें 55 कंपनियों के नाम शामिल हैं. फ्यूचर रिटेल को खरीदने के लिए कई बड़ी-बड़ी कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है. इसमें विश्व के बड़े उद्योगपतियों में शामिल मुकेश अंबानी और गौतम अडानी की कंपनियां भी मौजूद हैं.
फ्यूचर रिटेल के बिडर्स
फ्यूचर रिटेल की बिडिंग के लिए अडानी-अंबानी समेत 55 खरीदार दिलचस्पी दिखा रहे हैं. इन 55 बिडर्स की फाइनल सूची रेजोल्यूशन प्रोफेशनल विजय कुमार अय्यर ने जारी की. पिछले साल नवंबर महीने में इसके बिडर्स की लिस्ट जारी हुई थी, जिसमें 49 कंपनियों के नाम शामिल थे. उस लिस्ट को अपडेट करके एक और लिस्ट आई, जिसमें 7 अन्य कंपनियां शामिल हुईं. इसके बाद बिडर्स की संख्या 56 पर पहुंची. बाद में बोम्मीडाला एंटरप्राइजेज का नाम इस सूची से हट गया और अब 55 दावेदारों की फाइनल लिस्ट हुई है.
बिडिंग के लिए कंपनियों के नाम
पहले जारी हुई 49 कंपनियों की सूची में मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल, गौतम अडानी की अडानी एयरपोर्ट्स होल्डिंग्स और उसकी सह कंपनी फ्लेमिंगो ग्रुप की अप्रैल मून रिटेल, यूवी स्ट्रेस एसेट मैनेजमेंट और जिंदल पावर जैसी बड़ी कंपनियों के नाम शामिल थे. इसके बाद सात और रेजोल्यूशन एप्लीकेशन आए. उन एप्लीकेंट्स में हर्षल श्रॉफ, एसएनवीके हॉस्पीटेलिटी एंड मैनेजमेंट, फ्राइल ग्रुप, एस.एफ. रिसाइकिलिंग, ए. जे. स्क्रैप ट्रेडर्स, ऑल इंडिया फर्नीचर, डार्विन प्लेटफॉर्म इंडस्ट्रीज और डार्विन प्लेटफॉर्म ग्रुप की अन्य कंपनी शामिल हुईं. इन्हीं कंपनियों में शामिल बोम्मीडाला एंटरप्राइजेज अपना रेजोल्यूशन प्लान तय समय में जमा नहीं कर पाई. इसी वजह से अब रेजोल्यूशन एप्लीकेंट्स की कुल संख्या 55 हो गई है.
कॉर्पोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया
दिल्ली हाईकोर्ट के वकील शशांक अग्रवाल ने बताया कि कॉर्पोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया आईबीसी के तहत एक तय समय में पूरी होने वाली प्रक्रिया है. अगर इस प्रक्रिया के पूरा होने में अधिक समय लग रहा हो, तो इसे 90 दिनों के लिए और बढ़ाया जा सकता है.
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