Adani Property Sale: देश के शीर्ष कारोबारियों में से एक गौतम अडानी और उनके अडानी समूह को पिछले कुछ महीनों से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. गौतम अडानी और उनके सामने 2023 की शुरुआत से ही एक के बाद एक चुनौतियां सामने आ रही हैं. इनके चलते अडानी समूह ने अपनी कारोबारी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है और अब नई परियोजनाओं की फंडिंग के लिए कुछ संपत्तियों को बेचने की तैयारी चल रही है.


बिक्री के लिए संपत्तियों की हो रही पहचान


अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया है कि अडानी समूह अपनी कुछ ऐसी रियल एस्टेट एसेट्स को बेचकर पैसे जुटाने पर विचार कर रहा है, जिन्हें उसके परिचालन के हिसाब से नॉन-कोर माना जाता है. संभावित बिक्री के लिए ऐसी संपत्तियों की पहचान करने के बाद समूह इस लिस्ट को बढ़ा रहा है, ताकि उसके नए रियल एस्टेट वेंचर के लिए पर्याप्त फंड जुटाए जा सकें.


इंस्पायर बीकेसी को बेचने पर विचार


खबर में कहा गया है कि अडानी समूह जिन संपत्तियों को बेचने पर विचार कर रहा है, उनमें इंस्पायर बीकेसी भी शामिल है. यह एक कमर्शियल रियल एस्टेट प्रॉपर्टी है, जो मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्पलेक्स के पास है. मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्पलेक्स में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों और भारतीय कारोबारी समूहों के दफ्तर हैं. इसके लिए अडानी समूह ने विभिन्न संभावित खरीदारों से बातचीत शुरू कर दी है, जिनमें ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट भी शामिल है. इस प्रॉपर्टी की शुरुआती वैल्यू 650 करोड़ रुपये आंकी गई है.


नहीं हुई है आधिकारिक पुष्टि


इंस्पायर बीकेसी में लीज पर देने लायक 8 लाख वर्ग फीट स्पेस है. इस प्रॉपर्टी में पूरा स्पेस किराए पर लगा हुआ है और इसके किराएदारों में नोवार्टिस, रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस और एमयूएफजी बैंक जैसे नाम शामिल हैं. हालांकि इस प्रॉपर्टी की डील को लेकर चल रही बातचीत की पुष्टि न तो अडानी समूह ने की है, और न ही ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट ने.


एसीसी की 16 एकड़ की प्रॉपर्टी


ईटी की रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि अडानी समूह ने अपनी होल्डिंग कंपनियों की कुछ रियल एस्टेट प्रॉपर्टीज की भी पहचान की है. समूह ने होल्सिम से पिछले साल एसीसी सीमेंट और अंबुजा सीमेंट को खरीदा था. समूह एसीसी सीमेंट की 16 एकड़ की एक प्रॉपर्टी को बेचने की तैयारी में है, जो मुंबई में ठाणे के पास है.


इस कारण समूह ने बदला तरीका


अडानी समूह आक्रामक तरीके से नए क्षेत्रों में कारोबार का विस्तार करने के लिए जाना जाता रहा है. इसके लिए समूह बैंकों से फाइनेंस जुटाने पर फोकस करने की रणनीति अपनाता था. हालांकि जनवरी में हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद समूह ने रणनीति में बदलाव किया है. अब समूह का ध्यान तेजी से कर्जों को कम करने पर है. यही कारण है कि अडानी समूह अब नई परियोजनाओं के लिए फंडिंग के अन्य उपायों पर ज्यादा जोर दे रहा है.


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