Adani Bribery Case: 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. गौतम अडानी पर भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत ऑफर करने के आरोप लगाने वाली यूएस कोर्ट का इंडीक्टमेंट ऑर्डर और एसईसी शिकायत अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. इसमें भारतीय अधिकारियों की ओर से की गई जांच की मांग वाली एक नई याचिका भी शामिल है. सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई इस नई याचिका में क्लेम किया गया है कि कि इंडीक्टमेंट ऑर्डर और एसईसी शिकायत आदेश ने "ग्रुप की ओर से किए गए गैर कानूनी कार्यों का खुलासा किया है."
यह याचिका एडवोकेट विशाल तिवारी ने फाइल की है. वह अडानी के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद दायर की गई फाइल के बैच में लीड पेटीशनर यानी प्रमुख याचिकाकर्ता भी थे. याचिका में दावा किया गया है कि लगाए गए आरोप 'गंभीर' हैं और "राष्ट्र के हित" को ध्यान में रखते हुए भारतीय अधिकारियों को उनकी जांच पड़ताल की जानी चाहिए.
इस नई याचिका में सेबी के आचरण पर भी सवाल उठाए गए हैं. कहा गया है कि अडानी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने जो जांच के लिए डायरेक्शन दिए थे उसके निष्कर्षों यानी हासिल जानकारी का खुलासा नहीं किया गया है. याचिका में कहा गया है कि इससे बाजार नियामक यानी सेबी पर भरोसा कम हो गया है.
हिंडनबर्ग मामले में सेबी को दिए गए थे जांच के निर्देश
बता दें कि हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2023 में सेबी को स्टॉक की कीमतों में हेरफेर, सिक्योरिटी कॉनट्रेक्ट रूल के उल्लंघन और संबंधित पार्टी लेनदेन का खुलासा करने में कथित विफलता के आरोप में अडानी की जांच करने का निर्देश दिया था. नवीनतम याचिका निवेशकों के 'भरोसा खोने' से बचने के लिए सेबी की जांच के परिणामों का खुलासा करने का मांग की गई है.
याचिका में इंडीक्टमेंट ऑर्डर का हवाला दिया गया है. जिसमें गौतम अडानी, भतीजे सागर अडानी और विनीत जैन सहित अन्य लोगों द्वारा रची गई एक विस्तृत "ब्राइबरी स्कीम" का डिटेल दिया गया है. इंडीक्टमेंट ऑर्डर में यह दावा किया गया था कि अडानी समूह, 265 मिलियन डॉलर या 2236 करोड़ रुपये की रिश्वत की ऑफर कर रहा था.
दायर याचिका में कहा गया है कि यूएस कोर्ट के ऑर्डर के मुताबिक, गौतम अडानी ने खुद सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की और रिश्वत का ऑफर दिया. याचिका में यह भी बताया गया है कि कैसे इंडीक्टमेंट ऑर्डर के अनुसार, गौतम अडानी, सागर अडानी और विनीत जैन ने अमेरिका में चल रही जांच के बारे में अपने नॉलेज के बारे में बाजार और निवेशकों को गुमराह किया.
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