भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी (Gautam Adani) का अडानी समूह (Adani Group) पिछले कुछ महीनों से जारी विवाद के बीच कारोबार का विस्तार कर रहा है. इसके लिए अडानी समूह ने एक नई कंपनी बनाई है, जो नए क्षेत्रों में व्यवसाय करेगी. अडानी समूह की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (Adani Enterprises Ltd) ने शेयर बाजारों को इसकी जानकारी दी है.
पिछले सप्ताह बनी कंपनी
अडानी एंटरप्राइजेज ने शेयर बाजारों को बताया है कि उसने कोल वाशरी से जुड़ा व्यवसाय करने के लिए पूर्ण स्वामित्व वाली नई अनुषंगी का गठन किया है. नई कंपनी का नाम पेल्मा कोलियरीज (Pelma Collieries) है, जो अडानी एंटरप्राइजेज की 100 फीसदी मालिकाना हक वाली अनुषंगी कंपनी है. नई कंपनी का गठन 07 अप्रैल को किया गया है.
नई कंपनी करेगी ये काम
अडानी एंटरप्राइजेज ने बताया कि पेल्मा कोलियरीज की स्थापना 10 लाख रुपये की शुरुआती अथॉराइज्ड शेयर पूंजी और पांच लाख रुपये की पेड अप शेयर पूंजी के साथ की गई है. पेल्मा कोलियरीज कोल हैंडलिंग सिस्टम्स समेत कोल वाशरी बनाने व चलाने का बिजनेस करेगी तथा इस संबंध में सभी आवश्यक काम करेगी. अडानी एंटरप्राइजेज ने बताया कि पेल्मा कोलियरीज जल्दी ही अपना परिचालन शुरू करेगी.
जनवरी से आ रहीं परेशानियां
आपको बता दें कि यह साल अडानी समूह के लिए ठीक साबित नहीं हो रहा है. साल के पहले महीने जनवरी में अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने एक विवादास्पद रिपोर्ट जारी कर अडानी समूह के सामने परेशानियां खड़ी कर दी. उक्त रिपोर्ट के बाद अडानी समूह को वैल्यू के लिहाज से काफी नुकसान उठाना पड़ा. उसके बाद द केन से लेकर एफटी तक ने समूह के लिए प्रतिकूल रिपोर्ट दी. वहीं दूसरी ओर घरेलू मोर्चे पर अडानी समूह को राजनीतिक आरोपो-प्रत्यारोपों से भी जूझना पड़ रहा है.
समूह ने बदली कारोबारी रणनीति
हालांकि अडानी समूह ने तमाम आरोपों का अपनी ओर से जवाब दिया है. समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को टारगेटेड और एजेंडे पर आधारित बताया था. उसके बाद कंपनी ने कारोबार करने की रणनीति में बदलाव भी किया और नया बिजनेस शुरू करने के बजाय पहले से चल रहे बिजनेस के परिचालन को मजबूत करने की बात की. इस बीच अडानी समूह ने पड़ोसी देश बांग्लादेश को बिजली का निर्यात भी शुरू कर दिया.
शेयरों में लौट आई तेजी
वहीं अडानी समूह ने राजनीतिक आरोपों पर भी सफाई दी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अडानी समूह के ऊपर शेल कंपनियों से 20 हजार करोड़ रुपये जुटाने का आरोप लगाया, तो समूह ने साल 2019 से अब तक मिली सभी फंडिंग का हिसाब दे डाला. साथ ही समूह ने कहा कि उसे बर्बाद करने की दिलचस्प प्रतिस्पर्धा चल रही है. इन तमाम घटनाक्रमों के बीच अडानी समूह के शेयरों में भी रैली लौट आई है, जो कहीं न कहीं इस बात का सबूत है कि निवेशकों को अडानी समूह की सफाइयों और दावों पर भरोसा हो रहा है.
ये भी पढ़ें: मार्च में बढ़ा स्टील का निर्यात, लेकिन अभी भी साल भर पहले से इतना पीछे