अडानी एंटरप्राइजेज की अडानी विल्मर से अलग होने की योजना, बेच सकती है अपनी 44 फीसदी हिस्सेदारी
Adani Enterprises Stake Sale in Adani Wilmar: अडानी समूह के अडानी एंटरप्राइजेज ने अडानी विल्मर में अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई है, एक रिपोर्ट के आधार पर ये जानकारी आई है.
Adani Enterprises: अरबपति कारोबारी गौतम अडानी की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज से जुड़ी बड़ी खबर आई है. अडानी एंटरप्राइजेज की अडानी विल्मर में 44 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना है और इसके साथ ही कंपनी सिंगापुर के जॉइंट वेंचर विल्मर इंटरनेशनल लिमिटेड से अलग हो सकती है. मामले की जानकारी रखने वालों ने अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज की अडानी विल्मर में 44 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना की जानकारी दी है. विल्मर इंटरनेशनल की भी अडानी विल्मर में 44 फीसदी हिस्सेदारी है.
अडानी एंटरप्राइजेज का अडानी विल्मर में हिस्सा बेचने का प्लान
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक नाम ना बताने की शर्त पर जानकारी दी गई है कि मौजूदा शेयर प्राइस पर अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के अडानी विल्मर में 2.7 अरब डॉलर के शेयर हैं. इन्हें बेचकर कंपनी अपने कोर बिजनेस के पूंजी जुटाने की योजना पर काम कर रही है.
अडानी विल्मर में सह-संस्थापक बनाए रख सकते हैं अपनी हिस्सेदारी
हालांकि मामले से परिचित लोगों के हवाले से ये जानकारी दी गई है कि गौतम अडानी और उनका परिवार इस स्टेक सेल के बाद भी अपनी व्यक्तिगत क्षमता के आधाार पर अडानी विल्मर में माइनॉरिटी स्टेक रख सकता है. वहीं सिंगापुर के हैडक्वार्टर वाली अडानी इंटरनेशनल लिमिटेड के सह-संस्थापक कुओक खून होंग अपना हिस्सा इस कारोबार में बनाए रख सकते हैं. साल 1991 में कुओक खून होंग ने इसकी स्थापना की थी. अडानी विल्मर से जब इस मामले की जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो इसके प्रतिनिधि ने कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया.
इस साल अडानी विल्मर के शेयरों में बड़ी गिरावट
इस साल अडानी विल्मर के शेयरों में करीब 36 फीसदी की गिरावट देखी गई है और इसकी वैल्यू घटकर 6.2 अरब डॉलर पर आ गई है. ध्यान रहे कि इस साल जनवरी में अमेरिकी शॉर्टसेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने गौतम अडानी के अडानी समूह के खिलाफ धोखाधड़ी और मार्केट मैनुपुलेशन के आरोप लगाए थे जिसके बाद एक समय में अडानी समूह की मार्केट वैल्यू 150 अरब डॉलर तक घट गई थी.
अडानी विल्मर के बारे में जानें
अडानी विल्मर ने साल 2022 में अपने आईपीओ के जरिए भारतीय शेयर बाजार में एंट्री की थी और इस पब्लिक इश्यू के जरिए कंपनी ने कुल 36 अरब या 435 मिलियन डॉलर जुटाए थे. इस समय अडानी विल्मर में अडानी एंटरप्राइजेज और विल्मर की हिस्सेदारी 44-44 फीसदी की है. भारत के शेयर बाजार रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी ने किसी भी कंपनी की लिस्टिंग के 5 सालों के अंदर उसकी बड़ी फर्म की कंपनी में कम से कम 25 फीसदी हिस्सेदारी होनी चाहिए. अडानी विल्मर के प्रोडक्ट्स फॉर्च्यून ब्रांड के नाम से बिकते हैं और खाद्य तेल, चावल, आटा, चीनी, दालें आदि इसके अंतर्गत बेचे जाते हैं.
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