हिंडनबर्ग रिपोर्ट से हुए नुकसान को पाटने के लिए अडानी ग्रुप ने उठाया बड़ा कदम, क्या दिख रहा शेयरों पर असर-जानें
Adani Group Audit: अडानी समूह के शेयरों में हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद जो गिरावट आई है उससे समूह को बड़ा घाटा हुआ है. अब अडानी ग्रुप ने बड़ा कदम उठा लिया है.
Adani Group: हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अडानी कंपनियों के शेयरों में आए भूचाल के बाद अब अडानी ग्रुप इसको नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा है. अडानी समूह ने अब एक स्वतंत्र एजेंसी से अपने कारोबार की जांच कराने का फैसला लिया है. इंडिपेंडेंट एजेंसी ग्रांट थॉर्नटन को अडानी समूह ने अपनी कुछ कंपनियों के ऑडिट के लिए कहा है. ये खबर आने के बाद अडानी समूह के शेयरों में आज तेजी आने की उम्मीद थी पर आज भी अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट देखी जा रही है.
कहां से आई ये खबर
इकनॉमिक टाइम्स के पोर्टल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक ग्रांट थॉर्नटन को अडानी समूह ने अपनी कुछ कंपनियों के ऑडिट के लिए कहा है. ग्रुप की कोशिश है कि जो नुकसान हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के चलते आया है, उसको कुछ कम किया जा सके. मामले की जानकारी रखने वाले कुछ लोगों के मुताबिक ये खबर आई है. 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अडानी समूह ने अपने आप को बचाने की कोशिशों के तहत ये बड़ा कदम उठाया है. हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर आरोप लगाया था कि विदेशों से आने वाले रुपये के जरिए कंपनियों का वैल्यूशन बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया है और शेयरों की कीमतों में हेरफेर किया गया है.
अडानी समूह को हुआ भारी नुकसान
अडानी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के आने के बाद इसका खंडन किया और बचाव में 400 पन्नों से ज्यादा का जवाब भी जारी किया लेकिन इसके निवेशक अभी भी चिंतित हैं. अडानी समूह की 7 लिस्टेड कंपनियों ने पिछले तीन हफ्तों में करीब 120 अरब डॉलर गंवा दिए हैं. अरबपति गौतम अडानी के ग्रुप को हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद भारी नुकसान झेलना पड़ा और तब से अब तक समूह की कंपनियों के वैल्यूएशन घटकर करीब आधा फीसदी रह गई है. ग्रांट थॉर्नटन का ये ऑडिट अडानी समूह की कुछ कंपनियों की स्वतंत्र रूप से जांच करने के तहत होगा, सूत्रों के मुताबिक ये खबर आई है.
अडानी समूह और ग्रांट थॉर्नटन ने क्या दिया है जवाब
सूत्रों मेंसे एक शख्स ने ये भी जानकारी दी है कि ग्रांट थॉर्नटन इस बात की भी जांच करेगी कि कंपनियों ने जो वित्तीय लेनदेन किए हैं वो कॉरपोर्ट गवर्नेंस स्टैंडर्ड के मुताबिक हैं या नहीं. हालांकि ग्रांट थॉर्नटन और अडानी समूह-दोनों ने ही इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है.