Adani Group: अडानी समूह ने इजरायल में एक बड़ी खरीदारी करके पोर्ट कारोबार में एक ऊंची छलाांग लगाई है. अडानी समूह के एक कंसोर्शियम ने उत्तरी इजरायल में हैफा पोर्ट (Haifa Port) को खरीद लिया है. इसके लिए अडानी समूह के नेतृत्व वाले कंसोर्शियम ने 4 अरब इजरायली शेकेल (इजरायली करेंसी) की डील की है जिसकी कुल कीमत 1.15 अरब डॉलर है. इजरायल के वित्त मंत्रालय ने ये जानकारी दी है. 


2018 में हुआ था हैफा पोर्ट के निजीकरण का फैसला


इजरायल की सरकार ने साल 2018 में इस हैफा बंदरगाह को निजी हाथों में देने का फैसला किया था. इसके पीछे सरकार का उद्देश्य था कि वो पोर्ट्स का निजीकरण करके ज्यादा से ज्यादा राजस्व हासिल कर सके. इसके अलावा पोर्ट कारोबार के लिए विशेषज्ञ कंपनियों या सलाहकारों की मदद लेकर इस क्षेत्र में अधिक दक्षता हासिल करने का भी इजरायल की सरकार का लक्ष्य है. 


इजरायली सरकार का पोर्ट कारोबार के निजीकरण के पीछे बड़ा उद्देश्य


इजरायल के इस मुख्य पोर्ट्स में से एक हैफा पोर्ट के लिए ये सौदा पूरा होने में करीब पांच साल का वक्त लग गया. ये इजरायल में करीब दो दशक तक चले आर्थिक सुधारों के पूरा होने की दिशा में एक बड़ा कदम है और इससे वहां की सरकार को काफी उम्मीदें हैं. इसके अलावा इजरायल की सरकार के कुछ और उद्देश्य हैं जिनके तहत सरकार के अधीन आने वाले बंदरगाहों को बेचा जा रहा है और वहां निजी डॉकयार्ड बनाए जा रहे हैं जिससे लागत में कटौती की जा सके और जहाजों और कार्गों को सामान उतारने में लगने वाला औसत वेटिंग पीरियड कम किया जा सके.


अडानी और गैडट ने जीती हैफा पोर्ट के लिए नीलामी


बीती जुलाई में इजरायल की सरकार ने घोषणा की थी कि वो हैफा पोर्ट को बेचने जा रही है. इसके खरीदने की रेस में सबसे आगे अडानी पोर्ट और वहां का स्थानीय कैमिकल्स और लॉजिस्टिक्स समूह गैडट था. जुलाई 2022 में अडानी और इजरायल की गैडट कैमिकल्स टर्मिनल्स ने हैफा पोर्ट को खरीदने के लिए नीलामी जीत ली थी. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीती सितंबर में अडानी समूह ने हैफ पोर्ट को खरीदने के लिए और अधिक समय की मांग की थी. इसके अलावा टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक अडानी और गैडट ने एक जॉइंट वेंचर का गठन कर लिया जिससे हैफा पोर्ट को खरीदने में आसानी हो सके. 


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