जनवरी से विवादों का सामना कर रहे अडानी समूह (Adani Group) ने अगले 3-4 साल में भारी-भरकम कर्ज चुकाने की योजना तैयार की है. समूह को उम्मीद है कि वह अगले 3-4 साल के दौरान करीब 23 अरब डॉलर का कर्ज लौटा देगा. इसके लिए अडानी समूह को इस बात की उम्मीद है कि उसे बंदरगाह से लेकर हवाई अड्डे और ऊर्जा समेत तमाम कारोबारों से कमाई में 20 फीसदी की वृद्धि होगी.


तीन हफ्ते में कई बैठकें


न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक खबर में सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई है. खबर के अनुसार, अडानी समूह के अधिकारियों ने पिछले तीन हफ्तों में बैंक अधिकारियों, बॉन्ड धारकों, विश्लेषकों और सिंगापुर से लेकर अमेरिका तक के निवेशकों से मुलाकात की है. इन बैठकों का मकसद अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह को लेकर पैदा हुए संशय की स्थिति को समाप्त करना है. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार मूल्यांकन में 135 अरब डॉलर की कमी आई थी.


यह प्रयास कर रहा अडानी समूह


अडानी समूह हिंडनबर्ग रिपोर्ट के सामने आने के बाद से इन्वेस्टर्स का भरोसा जीतने का हरसंभव प्रयास कर रहा है. इस सिलसिले में अडानी समूह की कंपनियों ने कई कर्जों का समय से पहले भुगतान किया है. अडानी के प्रयासों को सफलता भी मिलती दिख रही है, क्योंकि 24 जनवरी को विवादित रिपोर्ट आने के बाद करीब एक महीने तक बिकवाली झेलने वाले अडानी के शेयरों की रौनक वापस लौट चुकी है. फरवरी के आखिरी सप्ताह के बाद लगभग हर सेशन में अडानी समूह के शेयरों में तेजी आई है.


अडानी समूह ने बदली योजना


मामले से जुड़े सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि इन बैठकों में अडानी ने समूह के कारोबार में वृद्धि के बारे में जानकारी दी. समूह अपने ऊर्जा कारोबार में दक्षता बढ़ाने के साथ अब तेज गति से विस्तार की जगह कर्ज में कमी लाने पर ध्यान दे रहा है. समूह की कंपनियों में कर पूर्व कमाई (ईबीआईटीडीए) में 20 फीसदी की वृद्धि से कर्ज से पार पाने में मदद मिलेगी.


पिछले 10 साल में ऐसे बढ़ी कमाई


सूत्रों के अनुसार वर्ष 2013 से 2022 के दौरान समूह की कंपनियों की कमाई सालाना आधार पर 22 फीसदी बढ़ी है. अब अगर कमाई में 20 फीसदी की दर से वृद्धि होती है तो साल 2025 तक कर्ज-ईबीआईटीडीए अनुपात मौजूदा 7.6 फीसदी से घटकर तीन फीसदी पर आ जाएगा. यह अनुपात कंपनियों के ऊपर कर्ज की मात्रा का हिसाब बताता है. अगर यह अनुपात ज्यादा है तो इससे पता चलता है कि कंपनी अथवा समूह के ऊपर भारी कर्ज है. वहीं कम अनुपात कर्ज के कम रहने का संकेत देता है.


चुकाए जा चुके इतने कर्ज


सूत्रों के अनुसार कंपनी प्रबंधन ने निवेशकों से कहा है कि एक बार राजस्व बढ़ने लगेगा, तो कर्ज अनुपात खुद ही नीचे आएगा. अडानी समूह की मौजूदा कर पूर्व आय 61,200 करोड़ रुपये है. वहीं उसके ऊपर शुद्ध रूप से 1.89 लाख करोड़ रुपये (करीब 23 अरब डॉलर) का कर्ज है. सूत्रों ने प्रबंधन की तरफ से बैठक में कही गयी बातों का हवाला देते हुए बताया कि समूह ने अबतक 50 करोड़ डॉलर का कर्ज चुकाया है और कमाई में वृद्धि के साथ अगले तीन से चार साल में ज्यादातर उधारी समाप्त हो जाएगी. समूह को सीमेंट, नवीकरणीय ऊर्जा, बंदरगाह और सड़क कारोबार से कमाई बढ़ने की उम्मीद है.


अडानी समूह पर ये कर्जे


अडानी समूह के कुल कर्ज में 37 फीसदी बॉन्ड के रूप में है. वहीं 31 फीसदी कर्ज सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का और आठ फीसदी प्राइवेट बैंकों का है. हिंडनबर्ग रिसर्च ने इस साल 24 जनवरी को जारी अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह पर खाते में गड़बड़ी करने और कर्ज बहुत अधिक होने की बात कही थी. हालांकि, अडानी समूह ने रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हुए उसे पूरी तरह से बेबुनियाद करार दिया था.


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