Gautam Adani: कर्ज में डूबी है गौतम अडानी की कंपनियां? जानें अडानी समूह ने सफाई में क्या कहा
Adani Group Debt: अडानी ग्रुप ने क्रेडिटसाइट्स की रिपोर्ट में किए गए दावे पर जवाब दिया है जिसमें कहा गया था कि अडानी ग्रुप की कंपनियां भारी कर्ज में डूबी हैं. जानिए अडानी ग्रुप ने क्या उत्तर दिया है.
Adani Group Debt: दुनिया के तीसरे सबसे बड़े रईस और देश के सबसे अमीर उद्योगपति गौतम अडानी की अगुवाई वाले अडानी ग्रुप ने भारी कर्ज में होने को लेकर जताई जा रही आशंकाओं को खारिज किया है. अडानी ग्रुप ने कहा है कि ऑपरेशनल प्रॉफिट के अनुपात में उसके शुद्ध कर्ज की स्थिति सुधरी है और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से लिए गए आधे से ज्यादा कर्ज को उसने चुका दिया है.
अडानी ग्रुप ने जारी किया 15 पन्नों का एक नोट-कर्ज के बारे में दी जानकारी
अडानी ग्रुप ने अत्यधिक कर्ज में होने के बारे में आई क्रेडिटसाइट्स की रिपोर्ट के जवाब में 15 पृष्ठ का एक नोट जारी किया है. इसमें ग्रुप ने कहा है कि उसकी कंपनियों ने लगातार अपने कर्ज को चुकाया है और कर्ज और ब्याज, टैक्स, टैक्स बिफोर इनकम या एबिटा आय का अनुपात घटकर 3.2 गुना रह गया है जबकि नौ साल पहले यह 7.6 गुना हुआ करता था.
इस नोट के मुताबिक,"अडानी ग्रुप के कारोबार एक सरल लेकिन सशक्त और दोहराए जाने लायक कारोबारी मॉडल पर काम करते हैं जिनका ध्यान विकास और उत्पत्ति, परिचालन और प्रबंधन और पूंजी प्रबंधन योजना पर होता है." अडानी ग्रुप के पास उपलब्ध कैश को ध्यान में रखें, तो उसपर मार्च, 2022 में 1.88 लाख करोड़ रुपये का सकल कर्ज और 1.61 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध ऋण था.
55 फीसदी से घटकर 21 फीसदी पर आया सरकारी बैंकों से लिया कर्ज
अडानी ग्रुप ने कहा कि वित्त वर्ष 2015-16 में उसकी कंपनियों के कुल कर्ज में सार्वजनिक बैंकों से लिए गए कर्ज का अनुपात 55 फीसदी पर था लेकिन वित्त वर्ष 2021-22 में यह घटकर कुल कर्ज का सिर्फ 21 फीसदी रह गया. वित्त वर्ष 2015-16 में निजी बैंकों से लिए गए कर्ज की कुल ऋण में हिस्सेदारी 31 फीसदी हुआ करती थी जो अब घटकर 11 फीसदी पर आ गई है. इसके उलट बॉन्ड के जरिये जुटाए गए कर्ज की हिस्सेदारी इस दौरान 14 फीसदी से बढ़कर 50 फीसदी हो चुकी है.
क्रेडिटसाइट्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक भारी कर्ज में हैं अडानी ग्रुप
फिच ग्रुप की फर्म क्रेडिटसाइट्स ने पिछले महीने जारी एक रिपोर्ट में अडानी ग्रुप के भारी कर्ज में डूबे होने की बात कही थी. उसका कहना था कि अडानी ग्रुप बड़े पैमाने पर कर्ज लेकर उस राशि का इस्तेमाल अपने मौजूदा कारोबार के विस्तार और नए कारोबारों को खड़ा करने में कर रहा है. क्रेडिटसाइट्स ने यह आशंका भी जताई थी कि हालात बिगड़ने पर ग्रुप की ऋण-समर्थित कारोबार योजनाएं भारी कर्ज के जाल मे डूब सकती हैं और इसका नतीजा एक या अधिक कंपनियों के कर्ज भुगतान चूक के रूप में भी आ सकता है.
अडानी ग्रुप ने दिया जवाब
इस संदर्भ ने ग्रुप की तरफ से कहा गया है, "पोर्टफोलियो में शामिल कंपनियों ने बीते दशक में उद्योग को पीछे छोड़ने वाली दर से विस्तार किया है. ऐसा करते हुए हमारी कंपनियों ने एबिटा आय के अनुपात में शुद्ध कर्ज को नीचे लाने के लिए लगातार काम किया है. पिछले नौ वर्षों में एबिटा आय सालाना 22 फीसदी की दर से बढ़ी है जबकि कर्ज की वृद्धि दर 11 फीसदी ही रही है." क्रेडिटसाइट्स की रिपोर्ट में अडानी एंटरप्राइजेज की एबिटा आय का अनुपात 1.6 बताया गया था, जबकि ग्रुप ने इसे 1.98 बताया है.
इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स के मुताबिक है लोन रेश्यो- अडानी ग्रुप
अडानी ग्रुप ने क्रेडिटसाइट्स द्वारा दिए गए आंकड़ों से इतर आंकड़ों का इस्तेमाल करते हुए कहा है कि उसकी कंपनियों का ऋण अनुपात स्वस्थ बना हुआ है और उद्योग मानकों के अनुरूप है. ग्रुप ने कहा, "पिछले 10 वर्षों में हमने अपनी पूंजी प्रबंधन रणनीति के जरिये अपने कर्ज मानकों को बेहतर करने के लिए लगातार काम किया है."
अडानी ग्रुप का विस्तार
अडानी ग्रुप ने पिछले कुछ सालों में ही अपने कारोबार का बड़ी तेजी से विस्तार किया है. कोयला खनन, बंदरगाह, हवाईअड्डा, डेटा सेंटर, सीमेंट, एल्युमिनियम और शहरी गैस वितरण जैसे तमाम कारोबार क्षेत्रों में ग्रुप काम कर रहा है.
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