Adani Group VS Hindenburg Case Study: देश के बड़े कारोबारी अडानी ग्रुप (Adani Group) और अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) अब पूरी तरह से आमने-सामने आ रहे है. अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग के खिलाफ अपनी कानूनी जंग को और तेज कर दिया है. इसके लिए ग्रुप अमेरिका की बड़ी लॉ फर्म (Law Firm) को हायर किया गया है. अडानी ग्रुप ने जिस कंपनी को कानूनी लड़ाई का जिम्मा सौंपा है, उसका नाम वॉचटेल (Wachtell) है. जानिए क्या है पूरा मामला...


100 अरब डॉलर से ऊपर का हुआ नुकसान 


अडानी ग्रुप का मार्केट कैप को 100 अरब डॉलर घट गया. हिंडनबर्ग ने अडानी की कई कंपनियों को लेकर रिपोर्ट में गंभीर आरोप लगाए गए थे. अडानी इस शॉर्ट सेलर कंपनी से अपने नुकसान का बदला लेना चाहते है. जिसके बाद हिंडनबर्ग के साथ अडानी अब कानूनी लड़ाई के लिए तैयार हो गए है. 


सुप्रीम कोर्ट में हो सकती है सुनवाई 


बिज़नेस टुडे के मुताबिक, अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग के खिलाफ कानूनी लड़ाई के लिए न्यूयार्क के वॉचटेल, लिफ्टन, रोसेन, काट्ज जैसे बड़े कानूनी सलाहकार कंपनियों और लॉ कानून के जानकारों से संपर्क किया है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद कंपनी को भारी नुकसान झेलना पड़ा है. अब उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए अडानी समूह ने अमेरिकी लीगल फर्म वॉचटेल को हायर कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट में भी अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से जुड़ी दो याचिकाओं पर जल्द सुनवाई हो सकती है. 


सिरिल अमरचंद मंगलदास से हुई पूछताछ 


वाचटेल ने सिरिल अमरचंद मंगलदास फर्म के कार्यालय में संपर्क किया, जो अडानी समूह के साथ काम कर रही है. सिरिल अमरचंद मंगलदास का नेतृत्व सिरिल श्रॉफ कर रहे हैं, जिनकी बेटी की शादी गौतम अडानी के बेटे से हुई है. वाचटेल कथित तौर पर अडानी ग्रुप के लिए सलाहकार की भूमिका में है. कॉर्पोरेट हमलावरों द्वारा अवांछित हमलों को विफल करने में विशेषज्ञता रखने वाली यह कानूनी फर्म समूह के लिए कानूनी समन्वय पर काम करती है. 


हिंडनबर्ग ने लगाए थे आरोप 


हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी 2023 को अडानी ग्रुप की कंपनियों के बारे में अपनी निगेटिव रिपोर्ट पेश की थी. इस रिपोर्ट के आने के बाद से ही अडानी ग्रुप को अपनी कंपनी के शेयरों (Adani Share) में जबरदस्त नुकसान देखने को मिला है. लगभग अडानी समूह की हर कंपनी के शेयरों में गिरावट देखने को मिली. 


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