अडानी समूह ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अडानी विल्मर लिमिटेड कंपनी में अपनी सारी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है. खबरों में ऐसा दावा किया जा रहा है. खबरों में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि यह बड़ी डील एक महीने के अंदर हो जा सकती है. अडानी विल्मर कंपनी फार्च्यून ब्रांड के नाम से खाद्य तेल एवं अन्य उत्पाद बेचती है. अडानी समूह की इसमें 43.97 फीसद हिस्सेदारी है. 


कई बड़ी कंपनियों से चर्चा


अडानी ग्रुप ने इस बड़ी डील के लिए कई मल्टीनेशनल FMCG कंपनियों से चर्चा शुरू कर दी है. कंपनी जल्द से जल्द इस सौदे को पूरा करना चाहती है. साल के शुरुआत में भी ऐसी खबरें आईं थीं कि अडानी समूह अपनी हिस्सेदारी बेचना चाहता है.


अडानी और विल्मर का है जॉइंट वेंचर


अडानी विल्मर एक जॉइंट वेंचर कंपनी है. इसमें अडानी समूह और सिंगापुर का विल्मर इंटरनेशनल हिस्सेदार है. दोनों कंपनियां इसमें 43.97 फीसद हिस्सेदारी रखती हैं.   


दूसरे बिजनेस पर फोकस करना चाहती है कंपनी


जानकारी के अनुसार यह सौदा 2.5 से 3 बिलियन डॉलर में हो सकता है. अडानी समूह इस पैसे को इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में लगा सकता है. फार्च्यून ब्रांड खाने के तेल के बाजार में अच्छी हिस्सेदारी रखता है. खाने के तेल के अलावा फार्च्यून ब्रांड के तहत खाने-पीने की अन्य चीजें भी बेची जाती है.


आपको बता दें कि अभी इन कयासों के बारे में अडानी समूह ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है. सिंगापुर के विल्मर इंटरनेशनल ने भी ऑफिशियली इस बारे में कुछ नहीं बताया है. अडानी समूह के लिए साल 2023 कुछ ठीक नहीं रहा है. समूह के लिए साल की शुरुआत ही हिंडनबर्ग रिपोर्ट से लगे झटके के साथ हुई थी. रिपोर्ट के चलते अडानी समूह की कंपनियों को बाजार पूंजीकरण में 100 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा था. गौतम अडानी एक समय दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए थे, लेकिन इस रिपोर्ट के चलते देखते-देखते वह टॉप-30 से भी बाहर हो गए थे. उसके बाद से अडानी समूह बिजनेस को कंसोलिडेट करने पर फोकस कर रहा है.


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