Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में शेख हसीना (Sheikh Hasina) सरकार के तख्तापलट के बाद आर्थिक संकट गहराता जा रहा है. अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) ने हाल ही में वर्ल्ड बैंक (World Bank), आईएमएफ (IMF), एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) समेत कई जगह कर्ज हासिल करने के लिए दरवाजा खटखटाया है. अब उसके सामने एक नया खतरा मंडराने लगा है. अडानी ग्रुप (Adani Group) ने बिजली सप्लाई के बिल को हासिल करने के लिए बांग्लादेश पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. उन्होंने अपने लगभग 50 करोड़ डॉलर पेमेंट की मांग की है. 


मोहम्मद यूनुस ने पिछली सरकार की कई डील पर उठाई है उंगली 


अडानी ग्रुप बांग्लादेश को अपने 1600 मेगावाट के गोड्डा प्लांट से बिजली सप्लाई करता है. यह समझौता शेख हसीना सरकार के दौरान किया गया है. अब मोहम्मद यूनुस इसे बहुत महंगी डील बताने लगे हैं. साथ ही उन्होंने कहा है कि इस डील में पारदर्शिता नहीं बरती गई. उन्होंने शेख हसीना सरकार के दौरान हुई कई इंफ्रास्ट्रक्चर डील पर उंगली उठाई है. फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, मोहम्मद यूनुस सरकार लगभग 50 करोड़ डॉलर के इस पेमेंट को करने में आनाकानी कर रही है. इससे खफा होकर अडानी ग्रुप ने अंतरिम सरकार को चेतावनी जारी कर दी है. 


अडानी ग्रुप को बिजली बिल समेत बांग्लादेश से लेने हैं 80 करोड़ डॉलर


अंतरिम सरकार के सामने सबसे बड़ा संकट बांग्लादेश का कर्ज है. अडानी ग्रुप के अनुसार, वह लगातार अंतरिम सरकार से वार्ता कर रहे हैं. हमने उन्हें हर स्थिति के बारे में अवगत करा दिया है. हम बांग्लादेश को बिजली सप्लाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. मगर, अटके हुए पेमेंट से चिंताएं पैदा हो रही हैं. दोनों पक्षों की अपनी जिम्मेदारियां हैं. अगर उन्हें पूरा नहीं किया जाएगा तो समस्याएं पैदा होंगी. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बांग्लादेश पर सिर्फ बिजली बिल का बकाया ही 3.7 अरब डॉलर हो चुका है. इसमें से लगभग 49.2 करोड़ डॉलर सिर्फ अडानी ग्रुप के हैं. पड़ोसी देश को अडानी ग्रुप को अन्य चीजों को मिलाकर करीब 80 करोड़ डॉलर चुकाने हैं.


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