Adani Group Response To Hindenburg Research: अडानी ग्रुप ने कहा है कि हिंडनबर्ग रिसर्च के पूछे गए 88 सवालों में से 21 सवाल ऐसे हैं जिनका जवाब कंपनी 2015 से अलग-अलग पब्लिक डॉक्यूमेंट में दे चुकी है. समूह ने अपने जवाब में कहा है कि हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में इस बात का दावा नहीं किया जा सकता है कि 2 साल से कोई जांच के बाद इस तरह के नतीजे पर पहुंचा गया है. अडानी समूह पहले ही इनके बारे में सार्वजनिक तौर पर जानकारी दे चुका है.
अडानी ग्रुप ने दिया जवाब
अडानी ग्रुप के शेयरों में शुक्रवार को भी तेज गिरावट देखी गई और ऐसा अमेरिका की हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद बुधवार से ही जारी देखा गया है. हालांकि अडानी ग्रुप ने साफ तौर पर कहा है कि ये रिपोर्ट भ्रामक तथ्यों पर आधारित है और इन्हें जानबूझकर गलत तरीके से दिखाया गया है. दरअसल हिंडनबर्ग रिसर्च के ये सवाल पार्टी के लेनदेन, DRI (डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस) और अदालत में मुकदमे के बारे में हैं. अडानी समूह ने एक प्रेजेंटेशन जिसका नाम 'Myths of short seller' है, उसके जरिए इन सवालों का जवाब दिया है.
ऑडिट और कंपनियों के बारे में अडानी समूह ने क्या कहा
अपने प्रेजेंटेशन में अडानी समूह ने कहा कि उसकी 9 लिस्टेड कंपनियों में से 8 का ऑडिट बिग 6 ऑडिटर्स ने किया है. अडानी गैस के ऑडिट के लिए भी बिग 6 ऑडिटर्स को ही ये काम करने की योजना है. वहीं कंपनियां लीवरेज पर हैं या ओवर लीवरेज हैं, इसे लेकर समूह की ओर से कहा गया है कि इसकी 100 कंपनियों में 100 रेटेड कंपनियां हैं और ये इसके 100 फीसदी एबिटा के लिए उत्तरदायी हैं.
रेवेन्यू और बैलेंसशीट के मुद्दे पर अडानी समूह का जवाब
रेवेन्यू और बैलेंसशीट के मोर्चे पर अडानी समूह ने कहा कि उसके पोर्टफोलियो में लिस्टेड 9 कंपनियों में से 6 ऐसी हैं जो रेवेन्यू, कॉस्ट और कैपिटल एक्सपेंडीचर के लिए खास रेगुलेटरी समीक्षा के अंतर्गत आती है. वहीं गवर्नेंस के मुद्दे पर समूह ने कहा कि उभरते बाजारों की इसकी समकक्ष कंपनियों के 7 फीसदी हिस्से पर अडानी की कंपनियां आती हैं. वहीं ये उपलब्धि सेक्टर और वैश्विक दोनों मानकों पर लागू होती है. इसमें ये भी बताया गया है कि इसकी कुल प्रमोटर लीवरेज इसकी कुल प्रमोटर स्टेक का 4 फीसदी है.
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