भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी के लिए ये सप्ताह कुछ ज्यादा ठीक नहीं रहा. अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट और एक्सचेंज कमीशन द्वारा लगाए गए आरोपों की वजह से अडानी समूह के शेयर बुरी तरह से गिर गए थे. हालांकि, दूसरे दिन ही इन शेयरों में रिकवरी भी देखने को मिली.


अभी अडानी समूह अमेरिका वाले मामले से उबर ही रहा था, कि खबर फैल गई कि अब केन्या ने भी अडानी से हुई अपनी 2.5 अरब डॉलर की डील कैंसल कर दी है. हालांकि, इस खबर में कितनी सच्चाई है, इसका जवाब खुद अडानी समूह ने दिया है.


क्या कहा अडानी समूह ने 


अरबपति गौतम अडानी के समूह ने शनिवार को इस मामले में स्पष्ट किया कि केन्या के मुख्य हवाई अड्डे के संचालन के लिए उन्होंने कोई डील नहीं की है. दरअसल, अमेरिकी अभियोग के बाद यह खबरें सामने आई थीं कि केन्या ने अडानी समूह के साथ 2.5 अरब डॉलर से अधिक के सौदे को रद्द कर दिया है. अडानी समूह ने कहा कि पिछले महीने केन्या में 30 वर्षों के लिए प्रमुख विद्युत पारेषण लाइनों के निर्माण और संचालन के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था.


हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि यह परियोजना भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के डिस्क्लोजर नियमों के तहत नहीं आती है, इसलिए इसके रद्द होने पर किसी औपचारिक घोषणा की जरूरत नहीं है.


क्या था पूरा मामला


दरअसल, इस मुद्दे की शुरुआत तब हुई जब शेयर बाजारों ने समूह से इस मामले पर सफाई मांगी. खासतौर से तब, जब अमेरिका में अडानी समूह के संस्थापक पर रिश्वतखोरी के आरोपों को लेकर अभियोग लगाया गया और इसके बाद केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो द्वारा कुछ खरीद प्रक्रियाओं को रद्द करने की खबरें आईं. कहा जा रहा था कि इस सौदे के अंतर्गत केन्या के सबसे प्रमुख हवाई अड्डे का नियंत्रण अडानी समूह की एक सहायक कंपनी को मिल सकता था.


कोई समझौता नहीं हुआ


अडानी समूह की प्रमुख कंपनी, अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, जो हवाईअड्डा संचालन में शामिल है, ने शेयर बाजार को जानकारी दी कि उन्होंने इस साल अगस्त में केन्या में हवाई अड्डों के उन्नयन (Upgrades), आधुनिकीकरण और प्रबंधन के लिए एक सहायक कंपनी स्थापित की थी. हालांकि, अडानी समूह ने अपने बयान में यह स्पष्ट किया कि परियोजना के लिए अभी तक केन्या के किसी भी प्राधिकरण के साथ कोई निश्चित समझौता नहीं हुआ है.


समूह ने यह भी कहा कि कंपनी संबंधित प्राधिकरणों के साथ बातचीत कर रही थी, लेकिन अभी तक न तो समूह और न ही उसकी कोई सहायक कंपनी केन्या में किसी हवाई अड्डा परियोजना में शामिल है. अडानी समूह ने इस बारे में कहा कि केन्या द्वारा किसी भी हवाई अड्डा सौदे को रद्द करने की खबरों की उन्होंने न तो पुष्टि की है और न ही खंडन.


दरअसल, अडानी समूह का स्पष्टीकरण उस पारदर्शिता को बनाए रखने का एक प्रयास है, जो कंपनी की छवि और निवेशकों के भरोसे के लिए महत्वपूर्ण है. अडानी समूह की ओर से यह भी कहा गया है कि वे अपनी परियोजनाओं में स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करते हैं और इसी प्रकार की नीतियों का पालन केन्या में भी किया जाएगा.


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