Adani Group: निवेशकों का विश्वास जीतने के लिए अडानी समूह ने कहा है कि कई दिग्गज जापानी और यूरोपियन बैंकों ने अडानी समूह पर अपना भरोसा जताया है.  रॉयटर्स के एक रिपोर्ट के मुताबिक हिंडनबर्ग के रिपोर्ट के बावजूद एमयूएफजी, एसएमबीसी, मिजुहो, स्टैंडर्ड चार्टड, बार्कलेज, डॉयचे बैंक जैसे ग्लोबल बैंकों ने अडानी समूह पर अपनो भरोसा बरकरार रखा है. 


इनमें से कई बैंकों के पहले से ही अडानी समूह के साथ कारोबार रिश्ते हैं. शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग के रिपोर्ट के सामने के बाद अडानी समूह ने इन बैंकों के साथ कारोबारी रिश्तों का हवाला दिया था और कहा था कि समूह की ये सबसे बड़ी ताकत है. दरअसल अडानी समूह दुनियाभर में फंड जुटाने की कवायद में जुटी है. 


अडानी समूह ने अमेरिका के न्यूयॉर्क, बॉस्टन, लॉस एंजेल्स, और सन फ्रांसिस्को में रोडशो किया है. रोडशो जरिए समूह ग्लोबल निवेशकों का भरोसा जीतने के साथ उन्हें समूह के कारोबार को लेकर आश्वस्त करना चाहती है. फरवरी महीने में ही रिपोर्ट सामने आई थी कि अडानी समूह अपनी तीन कंपनियों के प्राइवेट प्लेस्ड बॉन्ड्स ऑफर करने पर विचार कर रही है. समूह के अधिकारियों ने अमेरिका में वहां के निवेशकों से मुलाकात की है जिसमें ब्लैकरॉक, ब्लैकस्टोन और पैसेफिक इंवेस्टमेंट मैनेजमेंट (PIMCO) शामिल है. समूह अपनी कुछ कंपनियों के प्राइवेट प्लेस्ड बॉन्ड्स की मार्केटिंग कर रही है. अडानी समूह इस रूट के जरिए एक बिलियन डॉलर जुटाना चाहती है.      


प्राइवेट प्लेस्ड बॉन्ड्स के डॉक्यूमेंटेशन पर काम अप्रैल से ही शुरू होगा और सितंबर 2023 तक पहला चरण लॉन्च किया जाएगा. पहले चरण में 450 मिलियन डॉलर समूह जुटाने की तैयारी है. प्राइवेट प्लेस्ड बॉन्ड्स 10 से 20 वर्षों के लिए होगा और कूपन रेट 8 फीसदी के करीब रहने की उम्मीद है. 


24 जनवरी 2023 को शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी समूह के स्टॉक्स में तो गिरावट देखी गई. लेकिन इस रिपोर्ट के कारण कंपनी के लिए फंड जुटाने पर असर पड़ा था. जिसके चलते समूह कई प्रोजेक्ट से अपना हाथ पीछे खींच रही है. हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी समूह का मार्केट कैप 153 बिलियन डॉलर तक घट गया था.


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