पिछले कुछ महीने के दौरान अडानी समूह (Adani Group) के कारोबार करने के तरीके में बड़ा बदलाव आया है. इस दौरान अडानी समूह की कंपनियों ने कई प्रस्तावित डील रद्द की है. अब इस कड़ी में एक और नाम जुड़ गया है. अब अडानी समूह ने मैक्वेरी (Macquarie) से उसकी सड़क परिसंपत्तियां खरीदने के लिए प्रस्तावित डील को रद्द करने का फैसला लिया है.


3100 करोड़ की होने वाली थी डील


अडानी समूह की कंपनी अडानी रोड्स ट्रांसपोर्ट लिमिटेड (Adani Roads Transport Ltd) ने इस नए घटनाक्रम से शेयर बाजारों को अवगत करा दिया है. अडानी रोड्स ट्रांसपोर्ट लिमिटेड ऑस्ट्रेलियाई निवेशक मैक्वेरी से चार सड़क परिसंपत्तियां खरीदने वाली थी. यह डील 3,110 करोड़ रुपये की होने वाली थी. हालांकि अब यह डील नहीं होने वाली है. अडानी समूह की कंपनी ने प्रस्तावित सौदे से पीछे हटने का फैसला किया है.


पिछले साल हुआ था समझौता


अडानी रोड्स ट्रांसपोर्ट लिमिटेड ने स्वर्ण टोलवे प्राइवेट लिमिटेड (Swarna TollWay Private Ltd) की 100 फीसदी और गुजरात रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी लिमिटेड (Gujarat Road and Infrastructure Company Ltd) की 56.8 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने के लिए 4 अगस्त 2022 को समझौता किया था. इन दो कंपनियों के पास गुजरात और आंध्रप्रदेश में 2 टोल सड़क परियोजनाएं हैं.


अडानी की कंपनी ने बताई वजह


अडानी रोड्स ट्रांसपोर्ट लिमिटेड ने शेयर बाजारों को बताया है कि विक्रेता यानी मैक्वेरी के द्वारा शेयर खरीद समझौते के हिसाब से तय समय में क्लोजिंग की शर्तों को संतोषजनक तरीके से नहीं पूरा किया गया, इस कारण खरीदार यानी उसने शेयर खरीद अनुबंध को टर्मिनेट करने का फैसला किया है. इसके बाद कंपनियों को नोटिस के माध्यम से जानकारी दे दी गई है.


इससे पहले लटकीं ये डील


जनवरी 2023 के बाद यह पहली डील नहीं है, जिससे अडानी समूह ने पीछे हटने का फैसला लिया है. इससे पहले फरवरी महीने के दौरान अडानी समूह की एक अन्य कंपनी अडानी पावर ने डीबी पावर से थर्मल पावर एसेट्स खरीदने के समझौते को एक्सपायर होने दिया था. इससे 7,017 करोड़ रुपये की डील अधूरी रह गई थी. वहीं समूह ने मुंद्रा पेट्रोकेमिकल प्रोजेक्ट पर 34,900 करोड़ रुपये के प्रस्तावित कार्यों को भी बंद कर दिया है. दरअसल 24 जनवरी को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी समूह ने कारोबार करने की रणनीति बदली है. अब ग्रुप का फोकस नए क्षेत्रों में कारोबार का विस्तार करने के बजाय कर्जों को कम करने तथा निवेशकों का भरोसा जीतने पर है.


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