(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Adani Group: भारतीय इकोनॉमी का करीब 1 फीसदी है अडानी समूह का कुल कर्ज, जानें निक्केई की रिपोर्ट के और खुलासे
Adani Group Stocks: अडानी समूह के कर्ज को लेकर अब ऐसी खबर आई है जिसे जानकर आपको चिंता हो सकती है क्योंकि इस पर निक्केई की रिपोर्ट में बड़े खुलासे हुए हैं.
Adani Group Stocks: अडानी समूह को लेकर सुर्खियों के बाजार में रोजाना ऐसी खबरें आ रही हैं जिनसे इस ग्रुप के शेयरों के दाम में भारी उतार-चढ़ाव देखा जाता है. आज भी ऐसी ही एक खबर आई है जिससे समूह को लेकर लोगों के मन में सवाल उठ सकते हैं. दरअसल निक्केई एशिया का एक विश्लेषण ये दिखाता है कि अडानी समूह के ऊपर जितना कर्ज है, वो भारत की कुल इकोनॉमी का कम से कम 1 फीसदी है. अडानी समूह के ऊपर लगे फ्रॉड के आरोप और मौजूदा आर्थिक दिक्कतों के बीच निक्केई एशिया की ये रिपोर्ट अडानी समूह के लिए चिंता भरी हो सकती है.
अडानी समूह की कुल देनदारी 41.1 अरब डॉलर के करीब
अडानी समूह की लिस्टेड 10 कंपनियों के ऊपर कुल देनदारी 3.39 खरब डॉलर (41.1 अरब डॉलर) के करीब आ गई है. निक्केई ने QUICK FactSet के एक डेटा का इस्तेमाल करते हुए ये कैलकुलेशन किया है. इन कंपनियों में एसीसी, अंबुजा सीमेंट्स और न्यू दिल्ली टेलीविजन (NDTV) के शेयर भी शामिल हैं, जिन्हें अडानी ने पिछले साल खरीदा है.
अडानी के कर्ज को भारतीय इकोनॉमी के कुल 1.2 फीसदी पर पाया गया
अडानी समूह और QUICK FactSet के दिए हुए आंकड़ों में तालमेल नहीं था तो निक्केई ने आर्थिक डेटा से तुलना करके इसको साबित करने की कोशिश की. इसी के तहत अक्टूबर अंत तक के आंकड़ों को देखा गया है. अक्टूबर अंत तक के आंकड़ों में भारत की जीडीपी 293 खरब डॉलर की थी-इसके बारे में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने जानकारी दी थी. वहीं इसी समय तक अडानी के कर्ज को भारतीय इकोनॉमी के कुल 1.2 फीसदी पर पाया गया है.
निवेशकों को अडानी समूह के लगातार बढ़ते कर्ज को लेकर चिंताएं
इक्विटी रेश्यो को देखें तो अडानी समूह की 10 कंपनियों का सम्मिलित इक्विटी रेश्यो 25 फीसदी पर था. वहीं मार्च 2022 तक अडानी ग्रीन एनर्जी का इक्विटी रेश्यो केवल 2 फीसदी पर था. कुल मिलाकर अडानी की 10 कंपनियों के टोटल ऐसेट्स 4.8 खरब डॉलर पर है, लेकिन निवेशकों को इनके लगातार बढ़ते अत्याधिक कर्ज को लेकर चिंताएं हैं. अडानी समूह की और भी कई कंपनियां हैं जो अडानी समूह के दायरे में आती हैं और उनको लेकर भी ये कहा जा रहा है कि इनका कुल कर्ज और अधिक ऊंचा हो सकता है.
24 जनवरी से शुरू हुई अडानी समूह के लिए असली मुश्किल
अडानी समूह के लिए असली मुश्किल 24 जनवरी से शुरू हुई जब अमेरिका के शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट के जरिए ये आरोप लगाए कि अडानी समूह सालों से धोखाधड़ी और स्टॉक कीमतों में हेरफेर कर रहा है. हिंडनबर्ग ने ये भी दावा किया कि अडानी समूह की कई कंपनियां लिक्विड ऐसेट के साथ अनिश्चित वित्तीय स्तर पर हैं. इसके बाद अडानी समूह की इन आरोपों पर सफाई के बावजूद इसकी कंपनी के शेयरों में जबर्दस्त गिरावट देखी जा रही है. जबसे हिंडनबर्ग ने इस रिपोर्ट को जारी किया है तब से लेकर एक हफ्ते के दौरान ही अडानी समूह की कंपनियों के मार्केट कैप घटकर आधा रह गया है.
ये भी पढ़ें